प्रयागराज : महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर हुई भगदड़ मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. कोर्ट ने मृत मां और बेटी को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित मुआवजे के भुगतान के संबंध में एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है. कोर्ट ने कुंभ मेला अधिकारी और अन्य संबंधित विपक्षीगणों को निर्देश दिया है कि वे मृतक के पति द्वारा दिए गए प्रत्यावेदन को एक माह के भीतर निस्तारित करें. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार और न्यायमूर्ति स्वरूपमा चतुर्वेदी की खंडपीठ ने दिया.

बलिया के गांव नसीराबाद के दिनेश पटेल परिवार के साथ कुंभ मेले में स्नान के लिए आए थे. भगदड़ में पत्नी रीना देवी (35) और बेटी रोशन पटेल (12) की मृत्यु हो गई थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने भगदड़ में मारे गए प्रत्येक मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्णय लिया था, लेकिन मृतक के पति को विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाने के बावजूद मुआवजा नहीं मिला. मुआवजे के भुगतान में देरी होने पर पीड़ित पति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की.
याची की ओर से वकील राजवेंद्र सिंह, सईद और चार्ली प्रकाश और सरकार की तरफ से मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने बहस की. खंडपीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कुंभ मेला अधिकारी को आदेश दिया है कि वे मृतक के पति के लंबित प्रत्यावेदन को एक माह के अंदर विधि अनुसार निस्तारित कर इस मामले को अंतिम रूप से निर्णीत करें.
सांसद जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ मुकदमे पर रोक : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क पर मुरादाबाद के बिलारी थाने में आचार संहिता उल्लंघन में दर्ज मुकदमे की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने शिकायतकर्ता और राज्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके साथ ही सुनवाई के लिए अगली तिथि आठ दिसंबर तय की है. यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने दिया है.
सांसद पर लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन में मुकदमा दर्ज कराया गया था. आरोप है कि 21 अप्रैल 2024 को लोकसभा प्रत्याशी जिया उर रहमान और अन्य लोग बिलारी कस्बे में रात 10 बजे आचार संहिता का उल्लंघन कर चुनावी बैठक कर रहे थे. अन्य कई आरोप भी लगाए गए थे. ट्रायल कोर्ट ने आरोप पत्र का संज्ञान लेकर सम्मन जारी किया था. याची ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी. इसके साथ मुकदमे की पूरी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है.
याची के वकील सैय्यद इकबाल अहमद का कहना था कि याची एक शादी समारोह में रात में गया था. इस दौरान 10-12 लोग इकट्ठा हो गए थे. इसी आधार पर पुलिस ने आचार संहिता का उल्लंघन करने व अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज किया है. जबकि याची पर इस मामले में कोई मुकदमा नहीं बनता है. कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद अंतरिम आदेश से ट्रायल कोर्ट में चल रहे मुकदमे की पूरी कार्यवाही पर रोक लगा दी है.











