भारत अभी तक अमेरिकी टैरिफ का बोझ सह ही रहा था कि अमेरिका ने भारत को नया झटका दे दिया है। अमेरिकी ने ईरान के चाबहार बंदरगाह को भारत के लिए बंद कर दिया है। इससे भारत के लिए अफगानिस्तान और मध्य एशिया में व्यापार करना बेहद मुश्किल हो जाएगा। साल 2023 से भारत से इस बंदरगाह का प्रयोग करना शुरू किया था। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख उप प्रवक्ता थॉमस पिगॉट ने कहा कि विदेश मंत्री ने 2018 में अफगानिस्तान पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास के लिए दी गई प्रतिबंध छूट को वापस ले लिया है। भारत पर यह प्रतिबंध 29 सितंबर से प्रभावी होगा। कहा कि चाबहार बंदरगाह का संचालन करने वाले या संबंधित गतिविधियों में शामिल लोग प्रतिबंधों के दायरे में आ सकते हैं।
अफगानिस्तान और मध्य एशिया से व्यापार होगा प्रभावित
चाबहार बंदरगाह भारत के लिए अफगानिस्तान और मध्य एशिया से सीधे जुड़ने का महत्वपूर्ण मार्ग है। यह बंदरगाह पाकिस्तान को बायपास करते हुए भारत को यूरोप, रूस और मध्य एशियाई देशों से जोड़ने वाले North South Corridor का हिस्सा है। साल 2023 में भारत ने इसी बंदरगाह से अफगानिस्तान को 20,000 टन गेहूं भेजने और 2021 में ईरान को कीटनाशक दवाइयां भेजीं थीं।
अब क्या करेगा भारत?
अमेरिका और भारत के बीच चाबहार बंदरगाह को लेकर टकराव की स्थिति बन गई है। अमेरिका ने ईरान पर लगाए गए अपने प्रतिबंधों के तहत भारत को चाबहार परियोजना के लिए दी गई छूट को खत्म करने का निर्देश दिया है। इससे भारत का पीछे हटने का रुख नहीं दिखाई दे रहा है। सूत्रों ने बताया कि भारत के लिए चाबहार बंदरगाह महत्वपूर्ण है। अमेरिका के इस कदम के बावजूद भारत ने चारबाह परियोजना को लेकर अपनी प्रतिबद्धता फिर दोहराई है। हां यह जरूर है कि भारत को अमेरिका से छूट की फिर से मांग करनी पड़ सकती है क्योंकि चाबहार पोर्ट का विकास भारत के लिए रणनीतिक महत्व रखता है । यह चीन-पाकिस्तान के Gawadar पोर्ट को टक्कर देने वाला प्रोजेक्ट माना जाता है।