दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को इलाज के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने सात दिन की पैरोल दी है। आसाराम के जेल से बाहर आने के बाद शाहजहांपुर निवासी दुष्कर्म पीड़िता का परिवार डरा हुआ है। पीड़िता के पिता ने परिवार की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
आसाराम को 2013 में अपने जोधपुर आश्रम में 16 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया गया था। 2018 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जोधपुर उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए आसाराम को सात दिनों की पैरोल दी।
दो गवाहों की हो चुकी है हत्या
शाहजहांपुर निवासी पीड़िता के पिता ने अपने परिवार को खतरा बताते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने दलील दी कि जब आसाराम जेल में था, तब उसके मामले के मुख्य गवाह कृपाल सिंह (35) की 10 जुलाई 2015 को शाहजहांपुर कैंट इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और मुजफ्फरनगर में एक अन्य गवाह की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पीड़िता के पिता ने कहा कि चार साल पहले आसाराम के अनुयायियों ने शाहजहांपुर जेल में आसाराम का बैनर लगाया था। कंबल बांटे थे और मेरे घर पर धमकी भरा पत्र भी भेजा गया था। कहा कि जब से आसाराम पैरोल पर बाहर आया है, तब से वह और उसका परिवार बहुत डरा हुआ है।
पीड़िता के घर पहले से ही पुलिस बल तैनात- एसपी
शाहजहांपुर के एसपी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि पीड़िता के घर पर पहले से ही पुलिस बल तैनात है। एसपी ने कहा कि पीड़िता के पिता को कोर्ट आदि के काम से बाहर जाना पड़ता है, इसलिए उनकी मांग पर उन्हें एक गनर भी मुहैया कराया गया है।
एसपी ने कहा कि हमने अपने अधिकारियों को पीड़िता के परिवार की सुरक्षा की समीक्षा करने और जरूरत पड़ने पर पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके साथ ही संबंधित थाने को सुरक्षा व्यवस्था की नियमित निगरानी करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।