मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले ही यूपी के स्कूलों में वंदेमातरम को अनिवार्य करने का निर्देश दिया था। इसका विरोध अलीगढ़ में एक सरकारी स्कूल के टीचर ने ही कर दिया है। बुधवार सुबह हुई इस घटना के बाद विकास खंड लोधा के इस विद्यालय में तनाव की स्थिति बन गई। इसकी जानकारी मिलते ही अधिकारी एक्शन में आ गए। विरोध करने वाले टीचर को निलंबित कर दिया गया है। मामला यहां के उच्च प्राथमिक विद्यालय शाहपुर कुतुब का है।

बीएसए डॉ. राकेश सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्रार्थना सभा में राष्ट्रगान के के बाद जब अध्यापक चंद्रपाल सिंह ने ‘भारत माता की जय’ और वंदे मातरम के नारे लगवाए तो सहायक अध्यापक शमसुल हसन ने इसका विरोध किया। अन्य अध्यापकों ने बताया कि हसन ने कहा कि हमारे धर्म में वंदे मातरम कहना उचित नहीं है। इसे लेकर टीचर शमसुल हसन ने विवाद खड़ा कर दिया। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुषमा रानी के अनुसार हसन के विरोध से बच्चों और स्टाफ के बीच तनाव उत्पन्न हो गया। इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने तत्काल विद्यालय पहुंचकर जांच की। सभी शिक्षकों के बयान दर्ज किए गए। जिनसे यह स्पष्ट हुआ कि शमसुल हसन ने सरकारी निर्देशों की अवहेलना करते हुए ‘वंदे मातरम’ का विरोध किया और अनुशासनहीन व्यवहार किया।
तेजी से कार्रवाई करते हुए जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने शमसुल हसन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। हसन को उपस्थिति दर्ज कराने के लिए दूसरे विद्यालय से सम्बद्ध किया गया है। आदेश में स्पष्ट कहा कि विद्यालयों में राष्ट्रगान और वंदे मातरम का सम्मान सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है।
गौरतलब है कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 20 नवम्बर तक होने वाली एकता यात्रा का गोरखपुर में सोमवार को शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में वंदे मातरम् का गायन अनिवार्य होगा। ताकि प्रदेश के अंदर हर नागरिक के मन में भारत माता के प्रति, मातृभूमि के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव जागृत हो सके।



