संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर की सफाई व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए एक बड़ी पहल की है। सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग ने 10 क्विक रेस्पोंस टीमें (QRT) गठित की हैं, जिन्होंने मंगलवार से मैदान में काम शुरू कर दिया है। टीमों की निगरानी के लिए चार सदस्यीय कंट्रोल कमेटी बनाई गई है, जिसकी अध्यक्षता जीएम आरके भारती कर रहे हैं। सदस्य के रूप में वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार गौतम, मैनेजर बिजेंद्र कुशवाहा और सहायक प्रबंधक मनोज चौधरी को नामित किया गया है। इनकी अनुमति से ही क्यूआरटी को किसी स्थान पर भेजा जाएगा।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की यह पहल शहर को स्वच्छ, व्यवस्थित और स्वस्थ रखने की दिशा में एक ठोस कदम है। यदि क्यूआरटी मॉडल सफल होता है, तो आने वाले समय में यह सफाई व्यवस्था की रीढ़ बन सकता है। वही एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा कि ग्रेटर नोएडा की सफाई व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए क्यूआरटी की 10 टीमें बनाई गई हैं। यह प्रयोग सफल रहा तो टीमों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। उम्मीद है कि इससे स्वच्छता व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। नागरिकों से अपील है कि वे कूड़े का उचित प्रबंधन करें और शहर को स्वच्छ रखने में सहयोग करें।
इमरजेंसी सफाई और निगरानी के लिए तैयार टीमें
क्यूआरटी उन क्षेत्रों में सफाई कार्य करेंगी, जहां पर पारंपरिक व्यवस्था के अंतर्गत सफाई कर्मचारी तैनात नहीं हैं या तत्काल सफाई की आवश्यकता है। ये टीमें विशेष जैकेट में नजर आएंगी, जिन पर क्यूआरटी का नंबर दर्ज होगा, ताकि तैनाती में पारदर्शिता बनी रहे। हर टीम में एक कूड़ा गाड़ी और दो टीमों पर एक जेसीबी मशीन भी शामिल होगी।
जुर्माने और नियमों के पालन पर भी जोर
प्राधिकरण ने साफ संकेत दिए हैं कि जो भी व्यक्ति या संस्था शहर में गंदगी फैलाएगी, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्यूआरटी की टीम मौके पर जाकर सफाई तो करेगी ही, साथ ही गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना भी लगाएगी। नियमों के तहत सी एंड डी वेस्ट, सॉलिड वेस्ट और अन्य अपशिष्टों के प्रबंधन में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई तय है। वही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एरिया में ट्रैक्टर-ट्रॉली या अन्य वाहन से अवैध रूप से कूड़ा फेंकने पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
जीपीएस मॉनिटरिंग और कंट्रोल रूम की व्यवस्था
प्रत्येक कूड़ा गाड़ी में GPS सिस्टम लगाया गया है, जिससे उनकी रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकेगी। जल्द ही इसके लिए एक कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी, जहां से सभी टीमों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
सफाई के साथ जागरूकता भी
स्वच्छता अभियान के अंतर्गत न केवल सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है, बल्कि बल्क वेस्ट जनरेटरों और निवासियों को जागरूक करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए सीईओ के निर्देश पर नए प्लांट लगाए जा रहे हैं।