समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. एसीजेएम-1 की विशेष अदालत ने साल 2020 में दर्ज कोर्ट की अवमानना के एक मामले में सपा नेता आजम खान को बरी कर दिया. यह मामला छजलैट थाना क्षेत्र से जुड़ा था, जहां कोर्ट की तारीखों पर अनुपस्थित रहने के कारण आजम खान के खिलाफ अवमानना का मुकदमा दर्ज किया गया था.
बता दें कि साल 2008 में रामपुर के छजलैट थाने के सामने कथित तौर पर रोड जाम करने के आरोप में आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और अन्य सपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनाई जा चुकी है, जिसके चलते अब्दुल्ला आजम की विधायकी भी रद्द हो गई थी. इस मामले में सुनवाई के दौरान बार-बार कोर्ट में अनुपस्थित रहने पर रामपुर गंज के तत्कालीन एसएचओ ने आजम खान के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा दर्ज कराया था. यह मामला 2020 में दर्ज हुआ और तब से सुनवाई चल रही थी.
आजम खान और बेटे अब्दुल्ला की दो साल की सजा अब भी बरकरार
मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के दौरान आजम खान के वकील ने पैरवी की थी. उन्होंने तर्क दिया कि आजम खान की अनुपस्थिति जानबूझकर नहीं थी और इसके पीछे ठोस कारण थे. कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने और सबूतों की जांच करने के बाद आजम खान को अवमानना के आरोपों से बरी कर दिया. हालांकि छजलैट मामले में आजम खान और उनके बेटे की दो साल की सजा अब भी बरकरार है. उन्होंने बताया कि आजम खान की सजा के खिलाफ अपील की प्रक्रिया इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही है.