Sanchar Now। ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट और केंद्र में बौमा कौनेक्सपो इंडिया 2024 का शानदार आगाज हुआ। इस एक्सपो का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय सड़क, परिवहन और राज्य मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस एक्सपो ने भारत के महत्वाकांक्षी और अवसरंचना विकास की दृष्टि को साझा किया है। इस अवसर पर उद्योग जगत के शीर्ष नेताओं, नीति निर्माता और वैश्विक प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने भारत के अवसरंचना विकास की दिशा को और सशक्त बना दिया। इस संस्करण की थीम विकसित भारत पर रखी गई है यह आयोजन ने केवल नवीनतम प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करेगा बल्कि निर्माण और खनन क्षेत्रों के भविष्य को आकार देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएगा।
दरअसल, बौमा कौनेक्सपो इंडिया 2024 में सौ देशों के 1000 से अधिक प्रदर्शक व 20000 से अधिक उत्पादों और लाइव मशीनरी डेमो की झलक दिखाई जा रही है। जो नवीनतम नवाचारों को प्रदर्शित करते हुए व्यापारिक वृद्धि को बढ़ावा देते हैं वही भविष्य की उद्योग की उपलब्धियां के लिए मंच तैयार कर रहे हैं। यह प्रदर्शनी 11 दिसंबर से 14 दिसंबर 2024 तक इंडिया एक्सपो सेंटर व मार्ट ग्रेटर नोएडा में आयोजित की जा रही है।
एक्सपो के उद्घाटन के मौके पर नितिन गडकरी ने कहा कि अवसरंचना विकास की दृष्टि आज भारत पानी, बिजली, परिवहन और संचार के क्षेत्र में विश्व स्तरीय अवसरंचना बना रहा है। यह चार प्रमुख क्षेत्र हैं जिन्हें हमारी सरकार प्राथमिकता देती है। हम वर्तमान में 70 लाख करोड़ मूल्य की परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं वही 5 लाख करोड़ की सालाना और अवसंरचना अनुबंधों की पेशकश कर रहे हैं। इसके साथ ही अभूतपूर्व गति से एक्सप्रेसवे और राजमार्ग बना रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि सतत इंधनों को बढ़ावा हमारी सरकार 22 लाख करोड़ के जीवाश्म ईंधन, आयात बिल को घटाने के लिए वैकल्पिक ईंधन जैसे एथेनॉल, बायोडीजल, एलएनजी, सीएनजी, हाइड्रोजन और मेथेनॉल को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे प्रदूषण कम होगा और हम 2070 तक कार्बन तटस्थ हासिल कर लेंगे।
इसी के साथ नितिन गडकरी ने कहा कि निर्माण व उपकरण उद्योग में नेतृत्व भारत का निर्माण उपकरण बाजार दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा है। जो वैश्विक रूप से 1.35 लाख इकाइयां उत्पादित करता है और 2030 तक इस 2.5 लाख इकाइयों तक पहुंचाने का अनुमान है। वर्तमान में 6700 करोड़ का निर्यात और 32000 करोड़ के निवेश भविष्य में और अधिक विकास की उम्मीद है। निर्यात में वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा भारत की उच्च गुणवत्ता और किफायती मशीनरी को वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अब अमेरिका जैसे उन्नत बाजारों में भी मेड इन इंडिया उपकरण पसंद कर रही है।