नोएडा: अगाहपुर से एनपीईजेड सेक्टर-82 तक बन रहे भंगेल एलिवेटेड रोड में बड़ी अनदेखी सामने आई है। वह यह कि प्रॉजेक्ट के डिजाइन और एस्टिमेट में शुरुआत से ही लागत का अंतर था। इसे न तो अथॉरिटी के इंजीनियरों ने देखा न ही सेतु निगम ने। जून-2020 में काम शुरू करा दिया गया। इसके बाद सेतु निगम को लागत में यह अंतर याद आया, फिर अथॉरिटी इसके लिए तैयार नहीं हुई। लिहाजा काम बंद हो गया। काम शुरू कराने के लिए समाधान निकालने की कवायद में अब अथॉरिटी से बनाई गई पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई और कंसल्टेंट की कमिटी ने परीक्षण किया तो यह अनदेखी सामने आई है। इसके बाद अथॉरिटी ने जिम्मेदार इंजीनियरों पर कार्रवाई व प्रॉजेक्ट की स्थिति को बोर्ड में ले जाने का निर्णय लिया है।
एलिवेटेड रोड का यह प्रॉजेक्ट 468 करोड़ रुपये लागत का अनुमानित है। जून-2020 में काम शुरू हुआ था। अब तक करीब 360 करोड़ रुपये का भुगतान भी अथॉरिटी कर चुकी है। सेतु निगम ने इसके बाद करीब 140 करोड़ रुपये लागत वृद्धि की मांग की है। अथॉरिटी इस पर सहमत नहीं हुई, तर्क यह रहा कि टेंडर से हुए काम में लागत नहीं बढ़ाई जा सकती। एस्टिमेट आईआईटी ने तैयार किया हुआ है। बंद पड़े इस प्रॉजेक्ट का अथॉरिटी के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने निरीक्षण किया था। इसके बाद एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, कंसल्टेंट की कमिटी बनाई गई थी। कमिटी की बैठक गुरुवार को हुई। इसमें सामने आया कि डिजाइन में एलिवेटेड रोड में 31 हजार टन स्टील लगने की बात कही गई, लेकिन एस्टिमेट में 20 हजार टन स्टील बताया गया। इसी के हिसाब से टेंडर भी हुआ।
तैयार हो चुके स्ट्रक्चर को पूरा कर खुलवाया जाएगा
अथॉरिटी सीईओ डॉ लोकेश एम ने एलिवेटेड रोड के तैयार हो चुके स्ट्रक्चर का काम पूरा करने और उसे ट्रैफिक के लिए खोलने के निर्देश दिया है। बरौला से फेज-2 की तरफ जाने को एलिवेटेड रोड का ज्यादा स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो चुका है। भंगेल एलिवेटेड रोड के डिजाइन और एस्टिमेट में अंतर सामने आया है। इसको लेकर जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। काम फिर शुरू कराना अथॉरिटी की प्राथमिकता है। जो स्ट्रक्चर बना हुआ है उसे पूरा कराकर ट्रैफिक के लिए खुलवाया जाएगा।