ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा क्षेत्र में दलित युवक अनिकेत की जन्मदिन पार्टी के दौरान हुई हत्या का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल तीसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद से इलाके में तनाव व्याप्त है और राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पीड़ित परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है, जबकि कई राजनीतिक दल इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

नेताओं के दौरे की चर्चाओं से बढ़ा राजनीतिक तापमान
दलित युवक की मौत के बाद रबूपुरा कस्बा सियासी अखाड़ा बन गया है। शुक्रवार को कई राजनीतिक दलों के नेता पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर के आने की चर्चा दिनभर बनी रही। वहीं, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पीड़ित परिवार की फोन पर बात भी कराई। इस बातचीत के बाद स्वजन ने शव का अंतिम संस्कार किया, लेकिन नेताओं की मौजूदगी से राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई।
घटना की पूरी कहानी
जानकारी के मुताबिक, रबूपुरा कस्बे के आंबेडकर नगर निवासी सतीश के बेटे अनिकेत का 17 अक्टूबर को जन्मदिन था। अनिकेत अपने दोस्तों सुमित और राजकरण के साथ जन्मदिन मना रहा था, तभी लक्ष्मी नगर मोहल्ले के करीब दर्जनभर युवकों ने रंजिशन हमला कर दिया। हमलावरों ने अनिकेत और सुमित को बेरहमी से पीटा और मरणासन्न हालत में झाड़ियों में फेंककर फरार हो गए।
तीन अस्पतालों में चला इलाज, दिल्ली में तोड़ा दम
हमले के बाद घायल अनिकेत और सुमित को स्थानीय लोगों ने ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स अस्पताल में भर्ती कराया। हालत गंभीर होने पर अनिकेत को शारदा अस्पताल और फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया। शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे इलाज के दौरान अनिकेत की मौत हो गई। इस खबर के बाद पूरे इलाके में गुस्सा और आक्रोश फैल गया।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, तीन गिरफ्तार
घायल सुमित के भाई मामचंद की शिकायत पर पुलिस ने लक्ष्मीबाई नगर के सुमित, युवराज, जीतू, रचित, सुनील, अंकित और पवन सहित 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पहले जीतू उर्फ जितेंद्र और युवराज को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। अब तीसरे आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कोतवाली प्रभारी सुजीत उपाध्याय ने बताया कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं और जल्द ही सभी पुलिस की पकड़ में होंगे।
हत्या के बाद सियासी बयानबाजी तेज
अनिकेत की हत्या के बाद विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर दलित उत्पीड़न के मामलों को दबाने का आरोप लगाया है। वहीं, सत्तापक्ष ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। स्थानीय पुलिस को पूरे क्षेत्र में गश्त और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि माहौल शांत रह सके।










