संभल. उत्तर प्रदेश के संभल जिले में अवैध निर्माणों के खिलाफ प्रशासन की मुहिम तेज हो गई है. हाल ही में धरमपुरा मस्जिद विवाद के बाद अब रायाबुजुर्ग गांव में सरकारी जमीन पर बनी एक अवैध मस्जिद, मैरिज हॉल और मदरसे के खिलाफ धवस्तिकरण की कार्रवाई जारी है. मैरिज हॉल और मदरसे को जमींदोज कर दिया गया है. वहीं मस्जिद के माली ने अवैध ढांचे को चार दिन में खुद गिराने का वादा किया है. बता दें कि पूर्व में नोटिस जारी करने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी गुरुवार को मौके पर पहुंचे. इस दौरान मौके भरी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद रही.

जिला प्रशासन के अनुसार, यह मस्जिद और मदरसा लगभग 10 साल पहले सरकारी भूमि पर बिना अनुमति के बनाया गया था. भूमि का सर्वेक्षण करने पर यह पाया गया कि यह जमीन ग्राम सभा की है, जिस पर कोई भी निजी निर्माण वैध नहीं है. एसडीएम सदर ने बताया, “नोटिस जारी होने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर अब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी. हम शांतिपूर्ण तरीके से काम करेंगे, लेकिन कानून का पालन सुनिश्चित होगा.”
थाना असमोली के गांव रायबुजुर्ग में ग्राम समाज के तालाब की भूमि को कब्जा कर एक मैरिज हॉल बना दिया गया था. करीब 2 हजार वर्ग मीटर पर एक बड़े मैरिज हॉल को बनाया गया था. गांव के प्रधान और दबंगों द्वारा एक कमेटी बनाकर अवैध मदरसा चलाया भी जाता था. सबसे पहले चार बुलडोजर की मदद से मैरिज हॉल को ढहाया गया. इसके बाद अब अवैध मदरसा और मस्जिद को भी जमींदोज किया जायेगा. मौके पर बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स और जनपद के आला अधिकारी भी मौजूद हैं.
पुलिस फोर्स ने इलाके में फ्लैगमार्च किया
मौके पर पहुंची भारी पुलिस फोर्स ने इलाके में फ्लैगमार्च किया ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह निर्माण लंबे समय से विवाद का कारण बन रहा था, लेकिन अब प्रशासन के कदम से राहत मिली है. एक ग्रामीण ने कहा, “सरकारी जमीन पर अतिक्रमण से विकास कार्य रुक जाते हैं. अच्छा है कि कार्रवाई हो रही है.”
पुलिस प्रशासन अलर्ट पर
पिछले हफ्ते संभल के धरमपुरा इलाके में भी एक अवैध मस्जिद को हटाने का प्रयास किया गया था, जिसके दौरान हलचल मच गई थी. अब रायाबुजुर्ग मामले में प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए अतिरिक्त फोर्स तैनात की है. जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि ध्वस्तीकरण के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए. यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश सरकार की अवैध निर्माणों के खिलाफ चल रही सख्त नीति का हिस्सा है.