संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा के जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार से कैलिब्रेशन फ्लाइट ट्रायल की औपचारिक शुरुआत हो गई है। गुरुवार को खराब मौसम के कारण यह प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) की विशेष तकनीकी टीम इस परीक्षण का संचालन कर रही है। दो दिनों तक चलने वाले इस ट्रायल में प्रतिदिन दो-दो घंटे तक रनवे, नेविगेशन, रडार, कम्युनिकेशन और लाइटिंग सिस्टम की व्यापक जांच की जाएगी। परीक्षण का उद्देश्य एयरपोर्ट के टेकऑफ और लैंडिंग सिस्टम की सटीकता और सुरक्षा का मूल्यांकन करना है, ताकि उद्घाटन से पूर्व सभी ऑपरेशनल सिस्टम्स को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रमाणित किया जा सके।

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एयरपोर्ट साइट का निरीक्षण किया था और उद्घाटन जनसभा स्थल को अंतिम रूप दिया था। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का औपचारिक उद्घाटन करेंगे, जिससे यह परियोजना उत्तर भारत के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय एविएशन हब बनने की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगी।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण व नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का कैलिब्रेशन ट्रायल अब अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहने पर एयरपोर्ट को संचालन की अनुमति मिल जाएगी और आने वाले हफ्तों में उद्घाटन की औपचारिक घोषणा होने की संभावना है।
सीईओ ने बताया कि कैलिब्रेशन फ्लाइट एक जरूरी तकनीकी प्रक्रिया है, जो किसी भी नए एयरपोर्ट या अपग्रेडेड रनवे के संचालन से पहले की जाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि एयरपोर्ट के ज़मीनी नेविगेशन और कम्युनिकेशन उपकरण, जैसे इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) और रडार, पूरी सटीकता से काम कर रहे हैं। इस दौरान विशेष उपकरणों से लैस विमान एक निश्चित पैटर्न में उड़ान भरकर सिग्नल और दिशाओं की जांच करते हैं। इन उड़ानों से प्राप्त डाटा का विश्लेषण कर यह तय किया जाता है कि सिस्टम अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों के अनुरूप हैं या नहीं। यह प्रक्रिया किसी भी एयरपोर्ट को परिचालन की मंजूरी देने से पहले की अंतिम तकनीकी परीक्षा मानी जाती है।












