ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सोशल मीडिया पर गोली मारने की धमकी देने के मामले में न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने आरोपी अमरेन्द्र प्रताप सिंह और उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है।
दरअसल, जब 12 अप्रैल 2025 को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें अमरेन्द्र प्रताप सिंह नामक व्यक्ति अपने साथियों के साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जान से मारने की धमकी देता नजर आया। इस वीडियो को लेकर एडवोकेट रामशरण नागर द्वारा 19 अप्रैल को सूरजपुर कोतवाली में प्रार्थना पत्र दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद 21 अप्रैल को पुलिस आयुक्त को भी सूचित किया गया। लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने उन्होंने कोर्ट से का दरवाजा खटखटाया और की मांग की।
पुलिस की निष्क्रियता को देखते हुए रामशरण नगर ने 23 अप्रैल को अदालत का रुख किया। मामले की सुनवाई करते हुए द्वितीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार सागर ने आज 13 मई को थाना सूरजपुर को भारतीय दंड संहिता की धारा 173(4) के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से गोली मारने जैसी धमकी न केवल एक गंभीर आपराधिक कृत्य है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और राजनीतिक विद्वेष फैलाने का प्रयास भी प्रतीत होता है। ऐसे मामलों में पुलिस की निष्क्रियता न्याय व्यवस्था में जनता के विश्वास को आघात पहुंचाती है। अब देखना होगा कि पुलिस इस आदेश के बाद कितनी तत्परता से मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाती है।