बेटी दान कर रहा हूं, इसका एक-एक अंग दूसरे बच्चों को काटकर लगा दीजिएगा। माफ कीजिएगा डॉक्टर साहब, मेरी बच्ची कभी सही नहीं हो सकती है। इसका दिमाग सिकुड़ गया है, झटका आता है, इसलिए हॉस्पिटल को दे रहा हूं। मेरी बेटी का अंग दूसरे बच्चों की जान बचाने में काम आ सकता है।
बृहस्पतिवार को सुबह बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 100 नंबर वार्ड के पास लावारिस हाल में दो साल की बच्ची मिली, उसके पास मिले दो पन्ने के पत्र में ये बातें लिखी थीं। जानकारी के अनुसार, सुबह सफाई करने पहुंची महिला कर्मचारी नजमा ने बच्ची को रोते हुए देखा तो आसपास खड़े लोगों से बच्ची के बारे पता किया। करीब दो घंटे तलाश करने पर जब कोई नहीं मिला तो नजमा ने पुलिस को सूचना दी।
मासूम बच्ची के पास मिले झोले में दो सेट कपड़ा, बच्चों के हवाई चप्पल और दो पन्ने का पत्र मिला है। पुलिस ने जांच पड़ताल कर बच्ची को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया है। वहीं, पुलिस मेडिकल कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरे से परिजनों की तलाश में लग गई है। पुलिस आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे को भी खंगाला रही है। संवाद
बेटी मुझे माफ करना
दो पन्ने के पत्र में ढेर सारी बातें लिखी हैं। इसमें सबसे पहले बच्ची का जन्मदिन 17 अगस्त 2022 लिखा गया है। यह भी लिखा गया है-मुझे खोजने की कोशिश मत कीजिएगा, मेरे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है। दिल पर पत्थर रखकर अपनी बेटी दे रहा हूं। सबसे पहले इसके कान का इलाज कर दीजिएगा, उसे सही से सुनाई भी नहीं देता है। मेरी बेटी मुझे माफ करना। डॉक्टर साहब, आप लोग भी माफ कीजिएगा। इस बच्ची की वजह से मेरी पत्नी और बच्चों की सेहत पर बहुत ज्यादा असर पड़ रहा है।
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि मेडिकल कॉलेज परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। कैमरे से बच्ची के परिजनों का पता लगाया जाएगा। पुलिस टीम खोजने में लग गई है। बच्ची को सुरक्षित चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया है।