रामनगर, 30 अक्टूबर: उत्तराखंड राज्य के गठन को इस वर्ष 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। राज्य सरकार इस रजत जयंती वर्ष को ऐतिहासिक और यादगार बनाने के लिए विशेष आयोजन कर रही है। इसी क्रम में इस बार मुख्य राज्य स्थापना दिवस समारोह हल्द्वानी में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम 6 नवंबर 2025 को एमबी इंटर कॉलेज मैदान में होगा, जहाँ पूरे राज्य से हजारों लोग भाग लेंगे।

राज्य के सैनिक कल्याण एवं कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मंगलवार को हल्द्वानी पहुंचकर समारोह स्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को सभी तैयारियाँ समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। यह आयोजन राज्य की गौरवशाली यात्रा, शौर्य और विकास की कहानी को एक मंच पर प्रस्तुत करेगा।
राज्य के 25 वर्ष: संघर्ष से विकास तक की यात्रा
उत्तराखंड राज्य की स्थापना 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर हुई थी। यह राज्य आंदोलन का परिणाम था, जिसमें हजारों लोगों ने बलिदान दिया। 25 वर्षों की यात्रा में उत्तराखंड ने अपनी पहचान एक शांतिप्रिय, धार्मिक, पर्यावरण-संवेदनशील और पर्यटनप्रधान राज्य के रूप में बनाई है।
रजत जयंती समारोह इस उपलब्धियों और संघर्षों को याद करने का अवसर होगा। सरकार ने इस वर्ष स्थापना दिवस को “गौरव वर्ष” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत प्रदेशभर में सांस्कृतिक, सामाजिक और सैन्य कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है।
हल्द्वानी बना मुख्य आयोजन स्थल
इस बार राज्य सरकार ने राजधानी देहरादून के बजाय हल्द्वानी को मुख्य समारोह स्थल के रूप में चुना है। इसके पीछे उद्देश्य है कि कुमाऊं क्षेत्र की जनता को भी राज्य स्थापना दिवस के उत्सव में प्रमुख भूमिका मिले।
हल्द्वानी का एमबी इंटर कॉलेज मैदान पिछले कई दिनों से तैयारियों का केंद्र बना हुआ है। यहाँ मंच निर्माण, बैठक व्यवस्था, सुरक्षा, पार्किंग और सजावट के काम युद्ध स्तर पर जारी हैं।
निरीक्षण के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने मैदान के हर हिस्से का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कार्यक्रम में आने वाले अतिथियों और जनता की सुविधा सर्वोपरि होनी चाहिए।
गणेश जोशी ने दिए सख्त निर्देश
निरीक्षण के बाद मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह समारोह केवल एक सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड के गौरव का प्रतीक है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि “यह अवसर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने, इसलिए व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि हर नागरिक को गर्व महसूस हो।”
उन्होंने निर्देश दिए कि:
- मंच की सजावट में राज्य की संस्कृति और सैन्य परंपरा झलके।
- अतिथियों के बैठने और सुरक्षा की व्यवस्था उच्च स्तर की हो।
- पूर्व सैनिकों और वीर नारियों का सम्मान समारोह मुख्य आकर्षण हो।
- यातायात और भीड़ प्रबंधन के लिए स्थानीय पुलिस और प्रशासन सतर्क रहे।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
मंत्री जोशी के साथ निरीक्षण के दौरान सचिव दीपेंद्र चौधरी, जिलाधिकारी वंदना सिंह, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, नगर निगम के अधिकारी और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
अधिकारियों ने मंत्री को कार्यक्रम की रूपरेखा और तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी। बताया गया कि कार्यक्रम स्थल पर करीब 20,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है।
कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की संभावित उपस्थिति
गणेश जोशी ने बताया कि राज्य स्थापना दिवस के इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आने की संभावना है। उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
यदि रक्षा मंत्री आते हैं, तो यह उत्तराखंड के लिए विशेष सम्मान होगा, क्योंकि राज्य ने देश को हजारों वीर सैनिक, अधिकारी और शहीद दिए हैं। ऐसे में रजत जयंती समारोह में सैनिक परंपरा और शौर्य गाथा को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।
वीर नारियों और पूर्व सैनिकों को किया जाएगा सम्मानित
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस बार के समारोह में पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, और शहीदों की माताओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। उनके योगदान और बलिदान को याद करते हुए उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
हल्द्वानी के कार्यक्रम में सेना से जुड़े अधिकारियों की भी मौजूदगी रहेगी। राज्य के अलग-अलग जिलों से वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को आमंत्रित किया गया है। यह आयोजन उत्तराखंड की सैन्य परंपरा का प्रतीक बनेगा, जिसे “देवभूमि और वीरभूमि का संगम” कहा जा सकता है।
कार्यक्रम की संभावित रूपरेखा
सरकारी सूत्रों के अनुसार, 6 नवंबर के मुख्य कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार हो सकती है:
- सुबह 10 बजे: राष्ट्रीय गान और राज्य गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ।
- 10:30 बजे: राज्य के शहीदों को श्रद्धांजलि और वीर माताओं का सम्मान।
- 11:00 बजे: राज्य के विकास पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन।
- 11:30 बजे: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संबोधन।
- 12:00 बजे: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भाषण और घोषणाएँ।
- दोपहर बाद: लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ — झोड़ा, छपेली, चांचरी, और कुमाऊं-गढ़वाल की झांकियाँ।
- संध्या 6 बजे: आतिशबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समापन समारोह।
उत्तराखंड की संस्कृति का होगा भव्य प्रदर्शन
कार्यक्रम में उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा। पारंपरिक नृत्य, संगीत, और पहाड़ी व्यंजन इस उत्सव का हिस्सा होंगे।
हल्द्वानी और आसपास के कलाकारों को मौका दिया गया है कि वे अपनी कला के माध्यम से राज्य की पहचान को मंच पर उतारें। राज्य के सभी 13 जिलों से झांकियाँ आएंगी, जिनमें हर जिले की विशेष परंपरा, वेशभूषा और लोककला को दिखाया जाएगा।
‘गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा पूरा नवंबर
मुख्यमंत्री धामी ने पहले ही घोषणा की है कि नवंबर 2025 को “उत्तराखंड गौरव वर्ष” के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान पूरे महीने प्रदेश में रजत जयंती से जुड़े कार्यक्रम होंगे।
हर जिले में अलग-अलग थीम पर आयोजन किए जाएंगे — कहीं कृषि नवाचार पर सम्मेलन, तो कहीं महिला सशक्तिकरण पर कार्यशाला। युवाओं के लिए विशेष प्रतियोगिताएँ और रोजगार मेलों की भी योजना है।
हल्द्वानी की जनता में उत्साह
हल्द्वानी के लोग इस कार्यक्रम को लेकर बेहद उत्साहित हैं। व्यापारी संगठनों, शिक्षण संस्थानों और स्थानीय निवासियों ने शहर को सजाने की तैयारी शुरू कर दी है। सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर राज्य स्थापना दिवस के होर्डिंग लगाए जा रहे हैं।
शहर के सामाजिक संगठनों ने भी कार्यक्रम में सहयोग देने का प्रस्ताव रखा है। स्कूली बच्चों द्वारा रंगोली, चित्रकला और वाद्य प्रस्तुति के जरिए “मेरा उत्तराखंड – मेरा गौरव” थीम पर कार्यक्रम किए जाएंगे।
सुरक्षा और यातायात की व्यापक तैयारी
केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्री की उपस्थिति को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है। हल्द्वानी पुलिस ने मैदान के चारों ओर बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरे की योजना बनाई है।
कार्यक्रम के दिन हल्द्वानी शहर में ट्रैफिक डायवर्जन लागू रहेगा। लोगों को पार्किंग और आगमन-निर्गमन के लिए निर्धारित मार्गों का पालन करने के निर्देश दिए जाएंगे।
उत्तराखंड के 25 वर्षों की उपलब्धियाँ प्रदर्शित होंगी
समारोह में राज्य के 25 वर्षों की विकास यात्रा को दिखाने वाली प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें पर्यटन, जल विद्युत, शिक्षा, स्वास्थ्य, और कृषि क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियाँ शामिल होंगी।
“उत्तराखंड @25” नाम से एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी जिसमें राज्य के आंदोलन, नीतियों और भावी योजनाओं का दस्तावेज़ प्रस्तुत किया जाएगा।













