कानपुर पुलिस की लापरवाही! थाने से गायब मिली 11 केसों की डायरी, कई पुलिसकर्मियों पर FIR

Sanchar Now
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अपनी हरकतों से अक्सर चर्चा में रहने वाली उत्तर प्रदेश में कानपुर पुलिस का नया कारनामा सामने आया है. इस बार कानपुर पुलिस ने केस डायरी ही गायब कर दी है. साल 2008 से साल 2021 के बीच दर्ज मुकदमों की केस डायरी थाने से लिया तो गया है, लेकिन कोर्ट में जमा नहीं किया गया है. मामला प्रकाश में आने के बाद कानपुर पुलिस ने अपने ही 7 दरोगा समेत 9 पुलिसकर्मियों पर गबन का मुकदमा दर्ज किया है. मामला कानपुर के कल्याणपुर थाने का है.मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी ने मामले की जांच एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय को सौंपी है.

एसीपी ने सभी नामजद पुलिसकर्मियों को नोटिस देकर बयान के लिए तलब किया है. कानपुर पुलिस कमिश्नरेट से मिली जानकारी के मुताबिक कल्याणपुर थाने में साल 2008 से साल 2021 के बीच अपहरण, हत्या और छेड़खानी आदि के 11 मुकदमों की केस डायरी गायब हुई है. यह केस डायरी संबंधित विवेचकों के नाम से जारी हुई थी. मामले का खुलासा होने के बाद थाने के हेड मुहर्रिर ने अपने ही थाने में सात दरोगा समेत 9 पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

डीसीपी के आदेश पर मुकदमा

अपनी एफआईआर में हेड मुहर्रिर ने लिखा है कि विवेचकों ने थाने से केस डायरी कब्जे में ली, लेकिन कोर्ट में जमा नहीं कराया. इस मामले की जांच कर रहे एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडे ने बताया कि कोर्ट ने जब इन सभी मामलों की केस डायरी तलब की तो मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने तत्काल मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए और साथ ही मामले की जांच एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय को करने को कहा था.

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मुकदमे में ये दरोगा नामजद

एसीपी अभिषेक पांडेय के मुताबिक इस मामले में दरोगा देवेंद्र कुमार, रामचंद्रभान सिंह, नरेंद्र बहादुर, प्रेम बाबू गोयल, दिनेश कुमार सिंह, इम्तियाज अहमद और एचसी बृजेश कुमार मिश्रा के अलावा हेड पेशी पुष्पेंद्र सिंह को नामजद किया गया है. इन सभी को नोटिस देकर बयान देने के लिए तलब कर लिया है. बयान के बाद ही मामले की जांच आगे बढ़ेगी. उधर, गंभीर श्रेणी के 11 मुकदमों की केस डायरी गायब होने की खबर से पुलिस महकमे में हडकंप मच गया है.

दरोगाओं की नीयत पर सवाल

खुद कोर्ट ने भी इन मामलों पर संज्ञान लिया है. जानकारी के मुताबिक इन मुकदमों में चेक बाउंस, बिजली मीटर से छेड़छाड़ व फर्जी दस्तावेज के सहारे धोखा धड़ी, अमानत में खयानत, साजिश समेत हत्या का प्रयास, गाली गलौज, मारपीट, धमकी और सेवन सीएलए के अलावा नाबालिक के अपहरण, लूट, छेड़खानी, एससी एसटी एक्ट और आर्म्स एक्ट के मुकदमे शामिल हैं. इस मामले में बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर दरोगा ने किसी लालच में आकर केस डायरी को गायब किया है? इसी के साथ दूसरा सवाल यह भी है कि 16 साल में एक बार भी इस केस डायरी की खोज किसी ने क्यों नहीं की.

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