Sanchar Now। ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा दो क्षेत्र के साइड फॉर इंडस्ट्री एरिया की एक सोफा बनाने वाली कंपनी में 26 नवंबर को गैस लीकेज हो गयी। इस दौरान कंपनी के अंदर ही सो रहे तीन मजदूरों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। इस मामले में थाना बीटा दो पुलिस ने फैक्ट्री मालिक तकी हसन को गिरफ्तार किया जिसके बाद उसे तत्काल जमानत मिल गई। अब इस मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर ने एडीएम फाइनेंस के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया है जो इस पूरे प्रकरण की जांच करेगी।
दरअसल, साइट फ़ॉर सेक्टर इंडस्ट्री एरिया है जो उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) के अंतर्गत आता है। इसी सेक्टर में G4 प्लॉट की गैलरी में जस्ट कंफर्ट नाम की एक सोफा बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। जिसमें बीते 26 नवंबर की सुबह गैस लीकेज होने से आग लग गई और तीन मजदूरों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। शिकायत के बाद वहां पर फायर ब्रिगेड की टीम ने पहुंचकर दूसरी तरफ से दीवार तोड़कर मजदूरों के शवो को बाहर निकाला था। घटना के बाद अब जिले के चीफ फायर ऑफिसर प्रदीप कुमार ने वहां पर निरीक्षण किया और बताया कि यहां पर फायर एनओसी नहीं ली गई थी। यह पूरी फैक्ट्री कोरोना काल के समय से बंद है। इस फैक्ट्री की जो ओपन एरिया है उसमें कवर्ड करते हुए यह सोफा बनाने का काम किया जा रहा था। जिसमें अचानक से आग लग गई और तीन मजदूरों की मौत हो गई। आग की वजह यहां पर गैस का लीकेज होना पाया गया है। फायर विभाग के द्वारा जल्द ही एक अभियान चलाकर सभी इंडस्ट्री और संस्थागत बिल्डिंगों में फायर एनओसी की जांच कराई जाएगी।
जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि यहां पर जितने भी संस्थान या इंडस्ट्री चल रही है उनकी फायर एनओसी की एक बार फिर दोबारा से जांच की जाएगी। अथॉरिटी के लेआउट के मास्टर प्लान की भी जांच की जाएगी कि जो यहां पर इंडस्ट्री संचालित है उनका नक्शा अप्रूव है की नही। इसके साथ ही फायर डिपार्टमेंट की प्रॉपर एनओसी उनके पास है और अगर कहीं पर कोई कमी मिलती है तो इसमें कड़ी और दंडनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही जिलाधिकारी ने बताया कि तीन मजदूर की जलने से मौत के मामले में फायर डिपार्टमेंट से रिपोर्ट मांगी जा रही है। एक बार ऑडिट प्रशासन द्वारा गठित टीम के साथ सभी बिल्डरों की जांच कराई जाएगी। जो भी संचालित इंडस्ट्री बिल्डिंगे हो या कोई संस्थान सभी की जांच होगी। वैसे यह निर्देश बार-बार संचार के माध्यम से हम लोग जारी करते रहे हैं कि बिना एनओसी के कोई भी इस तरह के संस्थान या बिल्डिंग में कार्य न हो। अगर कहीं कोई उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाती है। फिर चाहे एफआईआर दर्ज करना हो या उनके संस्थान को बंद करना हो। यह सारी कार्यवाही प्रशासन के द्वारा समय-समय पर होती रहती हैं।