नोएडा। जनपद में मतदान सूची को तैयार करने के लिए एसआइआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) अभियान तेज हो गया है, बीएलओ सूची को सटीक तैयार करने सुबह से शाम तक बिना रुके कार्य करने में जुटे हुए हैं, लेकिन इस जिम्मेदारी से परेशान शिक्षिका ने रविवार को बीएलओ को सूचना देने वाले वाट्ससएप ग्रुप पर अपना त्याग पत्र दे दिया।

नोएडा के सेक्टर 34 स्थित गेझा के उच्च प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापिका पिंकी सिंह ने बीएलओ की ड्यूटी से परेशान होकर अपने पद से लिखित में त्यागपत्र दे दिया है। उनकी ड्यूटी सेक्टर 33 स्थित राकवुड स्कूल में मतदान केंद्र की बीएलओ की जिम्मेदारी संभालने लगाई गई थी।
उनके त्यागपत्र देने के फैसले पर विद्यालय प्रधानाचार्य नीलम सिंह ने बताया कि शिक्षिका ने ड्यूटी लगने के बाद ड्यूटी न लगाने की अपील की थी, लेकिन सुनवाई नहीं की गई। वह थायराइड की समस्या से ग्रस्त हैं घर में भी पारिवारिक परेशानी से जूझ रही हैं।
यह कहानी सिर्फ बीएलओ पिंकी सिंह की ही नहीं है ऐसे ही कई शिक्षिका शारीरिक परेशानी के साथ ड्यूटी निभाने को मजबूर हैं। सेक्टर 34 में बीएलओ शालिनी राणा एसआइआर फार्म भरवाने के कार्य करने के दौरान बताती हैं कि सुबह 11 बजे से ड्यूटी शुरू होती है शाम सात बजे पूरी हो रही है। फार्म भरवाने के लिए घर-घर जा रहे हैं चार से पांच मंजिल चढ़ना पड़ रहा है।
चौथी मंजिल पहुंचने के बाद पता चलता है कि फ्लैट का मालिक कई वर्षों से शहर से बाहर रह रहा है। ऐसे में मन में उदासी के साथ थकावट दोगुनी हो जाती है। सर्वाइकल से पीड़ित हूं बैठना मुश्किल है ऐसे में दो से तीन घंटे लगातार चल रही हूं। फ्लैट के माले चढ़-चढ़कर लगता है जैसे सांस ही टूट जाएगी। बीएलओ की ड्यूटी की वजह से घर में भी परेशानियां आने लगी है।
बीमार हो रहे बीएलओ
बीएलओ परेशानी होने के साथ बीमार भी हो रहे हैं। थकावट के कारण बुखार के साथ बीपी की समस्या बढ़ गई है। हार्ट संबंधी बीमारी से पीड़ित शिक्षक अपने साथ दवाइयां रखकर चल रहे हैं।
स्कूल पड़े खाली बीएलओ बने शिक्षक
जिले में तीन हजार शिक्षक कार्यरत हैं, इनमें से 1200 शिक्षकों की ड्यूटी लग चुकी है। ऐसे में स्कूलों की कक्षाएं खाली पड़ी हुई हैं। छात्र कक्षा के बाहर घूम रहे हैं।













