नोएडा। UP Farmers Protest नोएडा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) मंच के कार्यकर्ता नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, प्रदर्शन के दौरान किसानों ने वेरी गेट तोड़ दिया। इसके बाद किसान मुख्य गेट पर पहुंचे और इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
वहीं, किसान अब मेन गेट को तोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, देखना यह होगा कि क्या पुलिस किसनों को रोक पाएगी या नहीं। मौके पर पुलिस मौजूद हैं।
नोएडा प्राधिकरण के गेट पर सम्मान की लड़ाई लड़ रहे किसान
भाकियू मंच के पदाधिकारियों ने रविवार को कई गांवों में किसानों के साथ पंचायत कर 10 अक्टूबर को नोएडा प्राधिकरण के गेट पर सम्मान की लड़ाई लड़ने का एलान किया था। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान ने 81 गांव के किसानों से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन में पहुंचने की अपील की थी।
Farmers Protest राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अशोक चौहान ने बताया कि पंचायत में तमाम प्रवक्ताओं ने प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी नाराजगी जाहिर की। सभी का कहना था कि अधिकारियों की लापरवाही और अव्यवस्थाओं के कारण 81 गांव के किसानों को न्याय नहीं मिला।
यूनियन के पदाधिकारियों ने हरौला, नंगली शाखपुर, नंगला-नंगली, नंगली वाजिदपुर, गढ़ी चौखंडी, मामूरा और नोएडा में पंचायत की। संगठन में एनसीआर के अध्यक्ष दानिश सैफी ने कहा था कि अधिकारी अब किसानों के काम नहीं कर रहे हैं।
एलान किया था कि 10 अक्तूबर को मुख्य गेट पर धरना-प्रदर्शन से किसानों का हक और सम्मान की लड़ाई लड़ी जाएगी। पंचायत में मैसी यादव, धर्मपाल प्रधान, चरण सिंह, बाबा समय, महेन्द्र चौहान, सुरेन्द्र प्रधान, विक्रम यादव, गजेंद्र बैसोया, आशीष चौहान, उमंग शर्मा, रिंकू यादव, विमल त्यागी, चमन यादव, जगबीर भाटी मौजूद रहे।
भाकियू अराजनीतिक के साथ ही धरना देंगे एच्छर के किसान
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर पिछले 120 दिन से धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के साथ ही एच्छर गांव के किसान भी अपनी लड़ाई लड़ेंगे।
प्रवक्ता विक्रम एच्छर ने बताया कि एच्छर गांव के किसान पिछले 120 दिन से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर भाकियू अराजनीतिक संगठन के धरने में शामिल हैं। धरने में मजबूती के साथ अपनी लडाई लड़ रहे हैं। अन्य किसी किसान संगठन में शामिल नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि एच्छर किसान संघर्ष समिति का विलय सात जून को भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक में हो चुका है। कुछ किसान संगठन अफवाह फैला रहे हैं।