संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा में अंसल बिल्डर (उत्तम स्टील) व सर्वोत्तम बिल्डर से प्रभावित किसान अपनी मांगों को लेकर रामगढ़ में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का यह धरना बीते 15 अक्टूबर से लगातार चल रहा है। रविवार को किसानों ने यहां पर पंचायत का आयोजन किया जिसके बाद किसानों ने बिल्डर की साइट पर पैदल मार्च किया जिसमें किसानों के साथ महिलाएं भी शामिल हुई और बिल्डर के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक उनका यह अनिश्चितकालीन धरना लगातार जारी रहेगा।
दरअसल, बुलंदशहर विकास प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में शामिल किए गए ग्रेटर नोएडा के दर्जनों गांव की जमीन अंसल बिल्डर एवं उत्तम स्टील तथा सर्वोत्तम बिल्डर सहित कई फर्जी कंपनियों द्वारा जमीन की ली गई। जहा पहले अंसल बिल्डर ने उत्तम स्टील के नाम से किसानों से जमीन खरीदी अब उसी जमीन पर सर्वोत्तम बिल्डर के नाम से प्लाट बेचे जा रहे है। बिल्डर से प्रभावित किसानों को ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर वर्ष 2013 में हुए समझौते के सभी लाभ दिए जाने तथा नए भूमि अधिग्रहण कानून द्वारा लाभ दिए जाने की मांग को लेकर दादरी के रामगढ़ में किसानों का अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। किसानों का यह धरना बीते 15 अक्टूबर से लगातार चल रहा है।
संयुक्त किसान मौर्चा से जुड़े कई किसान संगठन किसानों के अधिकारों के लिए आंदोलन कर रहे है। किसान नेता सुनील फौजी ने बताया कि अंसल बिल्डर, उत्तम स्टील और सर्वोत्तम बिल्डर से प्रभावित किसान अपनी मांगों को लेकर रामगढ़ में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। धरने के 14वे दिन रविवार को किसानों ने धरना स्थल से अंसल बिल्डर एवं सर्वोत्तम बिल्डर के ऑफिस तथा सेल्स ऑफिस से होते हुए बिल्डर की पूरी साइट पर पैदल मार्च किया और बिल्डर के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि बिल्डर से प्रभावित बोड़ाकी, दतावली, रामगढ़, बील अकबरपुर, भोगपुर तथा कैमराला चक्रसेनपुर आदि गांव के किसान प्रभावित हैं। इस बिल्डर ने सरकार से वर्ष 2005 में लाइसेंस लेकर ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में आने वाले उपरोक्त गांव की जमीन कौड़ियों के भाव लेने के लिए षडयंत्र किया था। जिसके तहत ग्रेटर नोएडा के इन गांवों को बुलंदशहर विकास प्राधिकरण में अधिसूचित कराकर 1994 के पुराने कानून के तहत अधिग्रहण की धारा 4 कराकर अधिग्रहण का भय दिखाकर किसानों से कौड़ियों के भाव में जमीन खरीद ली गयी।
किसान नेता ने बताया कि पीड़ित किसानों द्वारा आंदोलन किए जाने पर वर्ष 2013 में ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा, 10% प्लॉट तथा रोजगार एवं गांव का विकास किए जाने तथा भविष्य में नए कानून के तहत सभी सुविधाएं देने के लिए जमीन लिए जाने के समझौते हुए थे परंतु बुलंदशहर विकास प्राधिकरण व बिल्डर द्वारा इन समझौता को अभी तक पूरी तरह से पूरा नहीं किया गया है। उल्टा किसने की जमीनों पर बिल्डर द्वारा बाउंसरो व जेसीबी मशीन भेज कर कब्जे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिससे किसानों ने रुकवा कर यह धरना शुरू कर दिया है। इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीड़ित किसानों की याचिका पर भी अभी सुनवाई चल रही है।
धरने में शामिल हुए किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक उनका अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रहेगा। इसके साथ ही किसानों ने पंचायत में सर्वसम्मति से दीपावली के बाद राष्ट्रीय स्तर की महापंचायत कर बिल्डर के खिलाफ आर पार की लड़ाई के लिए आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है।