दिल्ली-एनसीआर। पर्यावरण संरक्षण की मिसाल बन चुके उत्तर प्रदेश के प्रदीप डाहलिया आज “ग्रीन मैन ऑफ यूपी” के नाम से पहचाने जाते हैं। वर्ष 2014 से अब तक वे अकेले पाँच लाख से अधिक पौधे लगा चुके हैं और वृक्षारोपण को महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनआंदोलन का रूप देने में जुटे हैं।
दरअसल, प्रदीप डाहलिया का सपना है कि सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरा भारत हरियाली और जलसमृद्धि से भर उठे। उनका जीवन युवाओं और समाज के लिए प्रेरणादायक संदेश देता है कि छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव का आधार बन सकते हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा, हरियाली का संकल्प
प्रदीप डाहलिया का स्पष्ट मानना है—“धरती को बचाना है तो हर इंसान को पेड़ लगाना होगा।” वे युवाओं को संदेश देते हैं कि यदि हर व्यक्ति अपने जीवन में केवल दस पेड़ लगाकर उनकी देखभाल करे, तो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ व हरी-भरी धरती मिल सकती है। इसी सोच के साथ वे स्कूलों, कॉलेजों और गाँव-गाँव जाकर लोगों को हरियाली का संकल्प दिलाते हैं।
पाँच लाख पौधे और तालाबों को पुनर्जीवन कर दी नई जिंदगी
पेड़ लगाने के साथ ही प्रदीप डाहलिया ने एक और अनूठी पहल की—तालाब पुनर्जीवन अभियान। दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के कई तालाब शहरीकरण और अवैध कब्जों के चलते सूख गए थे या गंदगी से पट गए थे। डाहलिया ने स्थानीय लोगों के सहयोग से इन्हें साफ कराया और फिर से जीवंत किया। आज ये तालाब न केवल भूजल स्तर को सुधार रहे हैं, बल्कि पक्षियों, मछलियों और अन्य जलीय जीवों का भी आश्रय स्थल बन चुके हैं।
समाज और सरकार को जोड़ने का संदेश
डाहलिया का मानना है कि केवल सरकारी योजनाओं से बदलाव संभव नहीं। जब तक समाज खुद जिम्मेदारी नहीं लेगा, पर्यावरण की रक्षा अधूरी रहेगी। वे लोगों से पेड़ लगाने, तालाब बचाने और जल संसाधनों के संरक्षण की अपील करते हैं।