दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार की शाम हुए कार विस्फोट ने उत्तर प्रदेश को कई जख्म दिए हैं। इस घटना में अब तक कुल 13 लोगों के मारे जाने की खबर है। इनमें से चार यूपी के निकले हैं। घायलों में भी देवरिया शिवा के अलावा यूपी से कई और नाम शामिल हैं। मरने वालों में अमरोहा के अशोक-लोकेश के अलावा शामली के नौमान और मेरठ के मोहसिन शामिल हैं। इन चारों के घर, गांव, मोहल्ले में मातम पसरा है। अमरोहा के अशोक दिल्ली की डीटीसी बस में संविदा कंडक्टर थे, लोकेश खाद कारोबारी, नौमान कॉस्मेटिक दुकान संचालक तो मोहसिन करीब दो साल से परिवार के साथ दिल्ली में रहकर ही ई-रिक्शा चला रहा था।

शामली के झिंझाना कस्बे के रहने वाले कॉस्मेटिक दुकान संचालक 18 वर्षीय नौमान की दिल्ली धमाके में मौत हो गई है तो उसका तहेरा भाई अमन गंभीर रूप से घायल है। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों के अनुसार, नौमान सोमवार को अपनी दुकान के लिए सामान खरीदने दिल्ली गया था। बताया गया कि पार्किंग में कार खड़ी करने के बाद वह सड़क पार कर रहा था, तभी धमाका हुआ और वह इसकी चपेट में आ गया। नौमान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घायल अमन को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
विस्फोट के समय ई-रिक्शा चला रहा था मोहसिन
दिल्ली धमाके में मारा गया मोहसिन मेरठ के लोहियानगर थाना क्षेत्र के न्यू इस्लामनगर का रहने वाला था। विस्फोट के समय मोहसिन ई-रिक्शा चला रहा था। तभी विस्फोट हुआ और मोहसिन की जान चली गई। सुबह जब उसका शव घर पहुंचा तो परिजनों को जानकारी मिली। पुलिस और खुफिया विभाग की टीम जांच में जुट गई हैं। मोहसिन के भाई नदीम ने बताया कि मोहसिन करीब दो साल से परिवार के साथ दिल्ली में रहकर ही ई-रिक्शा चला रहा था। परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। जिस समय विस्फोट हुआ तो मोहसिन लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास ही ई-रिक्शा चला रहा था। विस्फोट में मोहसिन की जान चली गई। शाम में विस्फोट के समय पता नहीं चला। बाद में पता चला कि मोहसिन भी विस्फोट का शिकार हो गया। रात में ही पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। सुबह में पुलिस की निगरानी में मोहसिन का शव न्यू इस्लामनगर स्थित मूल आवास पर भेजा गया। परिजनों के अनुसार मोहसिन के परिवार में छह भाई है। मोहसिन चौथे नंबर का है। मोहिसन के पिता का नाम मो.रफीक है। शव पहुंचते ही घरों में कोहराम मच गया।
वहीं, अमरोहा के गांव मंगरौला निवासी अशोक (पुत्र जगवंश सिंह) डीटीसी में कंडक्टर था। वह पत्नी और बच्चों के साथ वह दिल्ली में ही रह रहा था। ब्लास्ट में मारे गए लोकेश अग्रवाल खाद कारोबारी थे। वह अशोक के पिता के मित्र थे और अशोक से भी स्नेह रखते थे। उनके परिवारवालों का कहना है कि लोकेश की समधन बीमार हैं। लोकेश उन्हें देखने के लिए सोमवार की सुबह ही दिल्ली गए थे। शाम को वह ब्लास्ट के शिकार हो गए।












