संचार नाउ। गलगोटिया विश्वविद्यालय और नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू), सिंगापुर द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किए गए एक्टिव एवं कोलैबेरेटिव लर्निंग कार्यक्रम की पहली वर्षगांठ विश्वविद्यालय परिसर में धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित विशेष समारोह ने भारतीय उच्च शिक्षा में बदलाव की दिशा में इस पहल की सफलता को रेखांकित किया।

समारोह के मुख्य अतिथि, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के वरिष्ठ अधिकारी प्रो. साइमन बेट्स ने कहा कि सिर्फ एक वर्ष में गलगोटियास विश्वविद्यालय ने जिस तरह शिक्षा पद्धति में नवाचार किया है, वह सराहनीय और देशभर के विश्वविद्यालयों के लिए प्रेरणादायक है।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने इसे नई पीढ़ी के लिए शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन करार दिया। उन्होंने कहा कि एक्टिव लर्निंग ने पारंपरिक पढ़ाने-पढ़ने की शैली को बदलकर छात्रों को अधिक जुड़ाव, सहयोग और आत्मविश्वास की दिशा में अग्रसर किया है। इससे ‘बैकबेंचर्स’ की धारणा समाप्त हुई और हर छात्र शिक्षा का सक्रिय भागीदार बना।
इस अवसर पर 18 स्कूलों ने 21 प्रदर्शनी के माध्यम से अपनी अभिनव शिक्षण पद्धतियों को प्रस्तुत किया। इनमें से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन स्कूलों को विश्वविद्यालय की निदेशक संचालन आराधना गलगोटिया ने सम्मानित किया। शिक्षकों ने साझा किया कि इस पहल से छात्रों की सोचने की क्षमता, सहभागिता और आत्मविश्वास में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुनील गलगोटिया ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा बताया कि पूरे विश्वविद्यालय की शिक्षण पद्धति को बदलना आसान नहीं था, लेकिन आज जो परिणाम सामने आए हैं, वे सामूहिक मेहनत और समर्पण का नतीजा हैं। वही समारोह के समापन पर प्रो. रिचर्ड जेम्स ने गलगोटिया विश्वविद्यालय की भावी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय शिक्षा केंद्र के रूप में अपनी पहचान और मज़बूत करेगा।













