संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा के गलगोटियाज कॉलेज ऑफ फार्मेसी में आयोजित द्वितीय फार्माइनोवेट समिट 2025 का सफल समापन रविवार को हुआ। “मॉलिक्यूल टू मेडिसिन: ड्रग डेवलपमेंट, ड्रग डिलीवरी एंड लाइफ-सेविंग थैरेपीज” विषय पर आधारित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के स्वास्थ्य एवं फार्मा विशेषज्ञों ने दवा निर्माण के भविष्य, लाइफ-सेविंग थैरेपीज और नवाचार पर गहन विचार-विमर्श किया।

स्वीडन की उपसाला यूनिवर्सिटी की डॉ. अन्ना ओर्लोवा ने “प्रोस्टेट कैंसर के लिए थेरानोस्टिक्स का विकास” विषय पर कहा कि नई रेडियोफार्मास्यूटिकल तकनीकें कैंसर कोशिकाओं को सटीक पहचानकर उपचार को अधिक प्रभावी बना रही हैं। वहीं पुर्तगाल की कोयम्ब्रा यूनिवर्सिटी की डॉ. ओल्गा बोर्गेस ने इंट्रानेजल वैक्सीन को कोविड जैसी बीमारियों के लिए “सुई-मुक्त और म्यूकोसल सुरक्षा” का बेहतर विकल्प बताया।
दुबई कॉलेज ऑफ फार्मेसी के डॉ. अलीअसगर साहीवाला ने नैनोस्पोंज तकनीक को ड्रग डिलीवरी की दिशा में एक क्रांतिकारी शोध बताया, जो दवाओं की घुलनशीलता और नियंत्रित रिलीज में अहम भूमिका निभा रही है।
गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि अनुसंधान और नवाचार ही विश्वविद्यालय की प्राथमिकता हैं, और ऐसे मंच छात्रों को वैश्विक विशेषज्ञों से जोड़कर भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान की दिशा में प्रेरित करते हैं। सम्मेलन में विद्यार्थियों द्वारा पोस्टर प्रेजेंटेशन एवं शोध अवधारणाओं का मूल्यांकन भी किया गया।












