संचार नाउ। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए गलगोटिया विश्वविद्यालय ने QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2026 में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। विश्वविद्यालय को भारत के निजी विश्वविद्यालयों में 15वां और सभी भारतीय संस्थानों (सरकारी व निजी) में 43वां स्थान प्राप्त हुआ है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय ने खुद को 1201–1400 रैंक बैंड में स्थापित कर एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है।
दरअसल, इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में 25 जुलाई को विश्वविद्यालय परिसर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा—
“जीवन में समस्याओं को समस्या नहीं, चुनौती मानिए। जब हम हर चुनौती को अवसर में बदलते हैं, तब सफलता मिलती है। गलगोटियास विश्वविद्यालय ने यही कर दिखाया है।”
मंत्री ने विश्वविद्यालय की शिक्षा, शोध, नवाचार और पेटेंट के क्षेत्र में हो रही प्रगति की सराहना करते हुए इसे निजी विश्वविद्यालयों के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
वैश्विक मंच पर बढ़ता भारतीय शिक्षा का परचम
इस अवसर पर QS मिडिल ईस्ट, अफ्रीका और साउथ एशिया के कार्यकारी निदेशक डॉ. अश्विन फर्नांडीस मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि गलगोटिया विश्वविद्यालय की रैंकिंग में यह उछाल ग्लोबल आउटलुक, मजबूत स्टूडेंट-फैकल्टी फ्रेमवर्क और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का नतीजा है।
उन्होंने इसे भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य में एक सकारात्मक संकेत बताते हुए कहा, “गलगोटियास लगातार नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है, यह बदलाव देखने योग्य है।”
पूर्व छात्र से प्रेरणा, वर्तमान छात्रों को अवसर
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित पेटीएम के चीफ बिजनेस ऑफिसर और गलगोटियास के पूर्व छात्र अजय शेखर शर्मा ने अपने छात्र जीवन की यादें साझा करते हुए कहा: “मैं एक पूर्व छात्र के तौर पर यहां के छात्रों को अवसर देने के लिए हमेशा तत्पर हूं। यह विश्वविद्यालय जिस गति से प्रगति कर रहा है, वह अभूतपूर्व है।”
यह सिर्फ रैंक नहीं, हमारी मेहनत की पहचान है — डॉ. ध्रुव गलगोटिया
विश्वविद्यालय के कार्यकारी अधिकारी डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि यह उपलब्धि केवल एक रैंकिंग नहीं, बल्कि गलगोटिया परिवार की सामूहिक मेहनत और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा:
“हमारा GSCALE फ्रेमवर्क और एक्टिव लर्निंग आधारित शिक्षा पद्धति छात्रों को वैश्विक दृष्टिकोण देती है। हमारी शिक्षा प्रणाली नवाचार पर आधारित है और हम छात्रों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
समारोह में कुलाधिपति सुनील गलगोटिया, निदेशक संचालन अराधना गलगोटिया तथा विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।