नोएडा: दिल्ली-एनसीआर समेत नोएडा में कार और अन्य गाड़ियां चोरी करने में 4 शातिरों को सेक्टर-113 थाने की पुलिस ने अरेस्ट किया है। इनमें 2 कबाड़ी भी शामिल है। आरोपियों के पास चोरी के 10 वाहनों के पुर्जे मिले हैं। इनकी 50 लाख रुपये से अधिक है। आरोपी दिन में रेकी करते थे और रात में गाड़ी चुरा पुर्जे खोलकर टुकड़ों में सप्लाई करते थे। पुलिस इनके साथियों के बारे में जानकारी जुटा रही है।

डीसीपी यमुना प्रसाद ने बताया कि थाना क्षेत्र में वाहन चोरी की घटनाएं बढ़ गई थी। टीम बनाकर कैमरे खंगाले गए तो 2 लोगों की पहचान हुई। शनिवार को सेक्टर-118 के पास से मोनू और जगन यादव को गिरफ्तार किया गया। दोनों बुलंदशहर के सरायघासी के रहने वाले हैं।
पुर्जा-पुर्जा बेचता था
पूछताछ में मोनू ने बताया कि वह साथियों संग रात में निकलता था और पार्किंग, मेन रोड, होटल के बाहर खड़ी गाड़ियों को चोरी करता था। आरोपी स्मार्ट चाभी रखते हैं, जिससे ड्राइवर साइड की खिड़की का लॉक तोड़ कार गाड़ी स्टार्ट कर चुराते थे। इसके बाद दोनों जेवर में इमरान और सोहनबीर के पास जाते थे। यहां वाहनों के पुर्जे खोलकर एक घंटे में कबाड़ के रूप में बदल दिया जाता था। इमरान और सोहनबीर को भी अरेस्ट किया गया है।
50 से अधिक चार पहिया चुरा चुके हैं आरोपी
डीसीपी के मुताबिक, पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नई गाड़ियों का लॉक सिस्टम बेहद जटिल होता है। नई गाड़ियों को सुरक्षित बनाया जाता है। ऐसे में वारदात के दौरान पकड़े जाने की आशंका रहती है। पुरानी गाड़ियों का लॉक तोड़ना आसान होता है। जीपीएस समेत अन्य उपकरण भी अक्सर पुरानी गाड़ियों में नहीं होते हैं। ऐसी गाड़ियां ही गैंग के टारगेट पर होती थी।
हरियाणा, अलीगढ़, बुलंदशहर तक नेटवर्क
मोनू गैंग का सरगना है। वारदात के दौरान ये लोग सिर्फ वॉट्सऐप कॉल पर बात करते थे। उन स्थानों को चुनते थे, जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं होते है। मोनू के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर समेत कई जिलों में 17 केस दर्ज है। डीसीपी ने बताया कि गैंग का नेटवर्क बुलंदशहर, हरियाणा, अलीगढ़, गाजियाबाद और नोएडा के साथ अन्य जिलो में फैला है। आरोपी अक्सर पुरानी कारों को टारगेट करते थे, जिनके पार्ट आसानी से कबाड़ में बिक जाए। पुलिस ने दोनों के पास से वाहनों के इंजन, नंबर प्लेट, दो कारे बरामद की है।












