नोएडा: नोएडा फेज-2 थाना पुलिस ने रविवार को एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो पैदल या चाइक से नहीं, बल्कि कार से चोरी करने निकलता था। दिन के उजाले में ये अपनी कार में बैठकर बंद पड़ी और निर्माणाधीन इमारतों की रेकी करते थे और रात होते ही वहां से लाखों का सामान साफ कर देते। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।

अडिशनल डीसीपी (सेंट्रल नोएडा) संतोष कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से इलाके में चोरी की घटनाएं बढ़ गई थी। हाल ही में एक नामी बिल्डर की सीज (बंद) की गई बिल्डिंग के अंदर से सीलिंग टाइल और पाइप चोरी होने की शिकायत मिली थी। इसके अलावा अन्य निर्माणाधीन साइट्स से भी सामान गायब हो रहा था। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने एक विशेष टीम का गठन किया। रविवार को पुलिस को सूचना मिली कि गिरोह के सदस्य फिर किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में फेज-2 इलाके में दाखिल हुए है। पुलिस ने घेराबंदी कर कार सवार चारों बदमाशों को दबोच लिया।
कड़ाई से पूछताछ में खुला राज:
शुरुआत में आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपियों के पास से चोरी के सीलिंग पाइप (कीमत करीब 50 हजार रुपये), चाकू और वारदात में इस्तेमाल की जाने वाली कार बरामद हुई है।गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सरगना गुलशनोवर (जलपुरा, इकोटेक-3) सचिन ठाकुर (हल्दौनी), सोनू खानाम (मुजफ्फरनगर) और विशाल चौधरी (अलीगढ़) के रूप में हुई है।
इस गिरोह की कहानी आज के युवाओं के भटकने का एक उदाहरण है। पुलिस जांच में सामने आया कि सचिन (19) और विशाल (19) ने 12वीं तक पढ़ाई की है और वे नौकरी की तलाश में थे। उन्हें अच्छी नौकरी नहीं मिल पा रही थी। इसी दौरान, करीब एक साल पहले उनकी मुलाकात 32 वर्षीय गुलशनोवर से हुई।
गुलशनोवर केवल 10वीं पास है, लेकिन अपराध की दुनिया का पुराना खिलाड़ी है। उसने इन पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं और अनपढ़ सोनू खान (22) को आसानी से पैसा कमाने का लालच दिया। उसने उन्हें समइशया कि मेहनत करने से बेहतर है चोरी करना और इस तरह उसने अपनी गैग तैयार कर ली।
गिरोह का काम करने का तरीका पूरी तरह से पेशेवर था। चोरी के बाद सरगना गुलशनीवर सामान की किस्से एकांत जगह पर छिपा देता था। इसके बाद ग्रहकों को ढूंढकर चोरी का माल सस्ते दाम में बेचा जाता था। इस काले धंधे से मिलने वाली रकम का बंटवारा भी पहले से तय था। सरगना मुलशनोवर कुल कमाई कर 40 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखता था। जबकि बाकी 60 प्रतिशत अन्य तीन सदस्यों में बांट दिया जाता था।
फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के परिजनों को सूचना दे दी है। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि नोएडा के अलावा आसपास के जिलों में भी इस गिरोह ने कोई करदात की है या नहीं। सरगना ने पूछताछ में अपने कुछ अन्य साथियों के नाम भी उगले है। जिनकी तलाश में पुलिस संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रहीं है।













