संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा के कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में लगातार मरीजों का भरोसा बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में मरीजों की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है। बढ़ते रोगी भार को देखते हुए संस्थान में सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है और अधिकांश सेवाएं डिजिटलाइजेशन के माध्यम से संचालित की जा रही हैं। ओपीडी पंजीकरण से लेकर पर्ची तक की प्रक्रिया अब डिजिटल हो चुकी है, जिससे मरीजों को काफी सहूलियत मिल रही है। बढ़ती जरूरतों को देखते हुए अस्पताल में शीघ्र ही एआई क्लिनिक सहित कई नई सुविधाओं का शुभारंभ किया जाएगा। जिम्स आज न सिर्फ इलाज, बल्कि शिक्षा, अनुसंधान और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का मजबूत केंद्र बनकर उभर रहा है।
दरअसल, जिम्स में वर्तमान में ओपीडी में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है हॉस्पिटल के डायरेक्टर ब्रिगेडियर डॉक्टर राकेश कुमार ने बताया कि ओपीडी में प्रतिदिन 1500 से 2000 मरीज और आईपीडी में 450 से अधिक मरीजों का उपचार किया जा रहा है। वर्ष 2025 में ओपीडी में 5.35 लाख से अधिक और आईपीडी में 39 हजार से ज्यादा मरीजों को इलाज मिला। पिछले सात वर्षों में आईपीडी भार छह गुना और शल्य क्रियाओं में चार गुना वृद्धि दर्ज की गई है। संस्थान में सीटी स्कैन, एमआरआई, 15 डायलिसिस मशीनें, टाइप-1 डायबिटीज के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और गैर-आक्रामक हृदय रोग केंद्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर, थैलेसीमिया देखभाल, एसएनसीयू, आईसीटीसी और कोविड-19 के दौरान 5000 से अधिक मरीजों का सफल उपचार भी जिम्स की बड़ी उपलब्धियों में शामिल है।
ब्रिगेडियर डॉक्टर राकेश कुमार ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी जिम्स ने मजबूत पहचान बनाई है। एमबीबीएस, डीएनबी, एमडी/एमएस, नर्सिंग, एलाइड हेल्थ साइंसेज, विभिन्न फेलोशिप और कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। वर्ष 2025 में आईएनआई-सीईटी और नीट-पीजी में छात्रों का उत्कृष्ट प्रदर्शन संस्थान के लिए गौरव का विषय रहा। अनुसंधान के क्षेत्र में आईसीएमआर व अन्य एजेंसियों से सैकड़ों परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं और भारत का पहला एआई क्लिनिक भी जिम्स में प्रारंभ किया गया है।


