ठाणे : महाराष्ट्र के ठाणे जिले के शहापुर शहर के एक नामी गिरामी अंग्रेजी स्कूल में चौंकानी वाली घटना सामने आई. छात्राओं के शौचालय में खून के धब्बे पाए जाने के बाद कक्षा 5 से 10 में पढ़ने वाली 10 से 12 छात्राओं के मासिक धर्म की जांच के बहाने कपड़े उतरवाकर उन्हें प्रताड़ित किया गया. अभिभावकों के हंगामे के बाद पुलिस ने प्रधानाध्यापिका सहित आठ महिलाओं पर छात्राओं के मासिक धर्म की जांच के लिए कपड़े उतरवाने और उन्हें प्रताड़ित करने के आरोप में पोक्सो के तहत मामला दर्ज किया.
यह घटना ठाणे जिले के शहापुर शहर के एक नामी अंग्रेजी स्कूल में हुई. पीड़िता के माता-पिता की शिकायत पर स्कूल की प्रधानाध्यापिका, 5 शिक्षिकाओं और स्कूल प्रशासन व प्रबंधन समिति की दो महिलाओं समेत आठ महिलाओं के खिलाफ शहापुर पुलिस स्टेशन में पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शहापुर शहर में एक नामी गिरामी इंग्लिश स्कूल है. इस स्कूल में करीब 300 छात्राएं पढ़ती हैं.
प्रधानाध्यापिका ने 8 जुलाई को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच लड़कियों को स्कूल हॉल में बुलाया और फिर उन्हें प्रोजेक्टर पर स्कूल के बाथरूम की दीवार और बाथरूम के फर्श पर लगे खून के धब्बों की तस्वीर दिखाई और उनसे पूछा कि क्या वे मासिक धर्म से गुजर रही हैं या नहीं.
शिकायत में कहा गया है कि पीड़ित छात्रा से इस बारे में पूछा गया और फिर 5 शिक्षिकाओं से कहा गया कि वे उन लड़कियों के हाथ के निशान लें जिन्हें मासिक धर्म हुआ था. साथ ही महिला कर्मचारियों से कहा गया कि वे उन लड़कियों को बाथरूम में ले जाएं जिन्हें मासिक धर्म नहीं हुआ था और उनके कपड़े उतार करके जांच करें. जैसे ही अभिभावकों को इस चौंकाने वाली घटना के बारे में पता चला वे स्कूल पहुंचे और लड़कियों के साथ जो कुछ हुआ उसके बारे में स्पष्टीकरण की मांग करते हुए स्कूल में हंगामा किया.
दूसरी ओर पीड़ित लड़कियों के अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि कक्षा 5 से 10 तक की छात्राओं को मासिक धर्म की प्राकृतिक प्रक्रिया के बारे में उचित शिक्षा देने के बजाय इन छात्राओं को इस तरह से निर्वस्त्र करने का शर्मनाक कृत्य किया गया. इससे उन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़े.
स्कूल में अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के बीच काफी बहस हुई. इस बीच स्कूल में प्रिंसिपल ने यह स्टैंड लेकर हंगामा खड़ा कर दिया कि जब तक उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाता, वह स्कूल नहीं छोड़ेंगी और स्कूल में हंगामा किया. स्कूल की एक प्रोफेसर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उन्हें शाहपुर पुलिस स्टेशन ले जाया गया है.
बाद में पीड़ित बच्चियों के माता-पिता पुलिस स्टेशन परिसर में जमा हो गए. इससे माहौल गरमा गया. आखिर में पुलिस ने प्रधानाध्यापक, 5 शिक्षिकाओं और स्कूल प्रशासन प्रबंधन समिति में शामिल दो महिलाओं सहित आठ महिलाओं के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 74,76 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 11,12,29 के तहत शाहपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया. वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मुकेश ढगे ने इसकी जानकारी दी. इस बीच स्कूल प्रशासन ने इस घटना को लेकर प्रधानाध्यापक को बर्खास्त कर दिया गया.