कानपुर : शेयर मार्केट में निवेश कर करोड़ों रुपए कमाने का लालच देकर ठगी करने वाले चार शातिर अभियुक्तों को साइबर क्राइम पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए अभियुक्तों में आठवीं फेल युवक पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड है. पकड़े गए अभियुक्तों को पुलिस ने पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है.
सैन्य अफसर के साथ की थी करोड़ों की ठगी : डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि, कैंट निवासी रिटायर अफसर विनोद कुमार से आरोपियों ने व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया था और फिर उन्हें एक शेयर मार्केट में निवेश कर भारी लाभ का लालच दिया. ग्रुप पर आ रहे संदेशों को देखने के बाद वह इससे प्रभावित होकर उनके बताए गए टेलीग्राम ग्रुप में भी जुड़ गए. इसके बाद शातिर ठगों ने निवेश के नाम पर उनसे अलग-अलग खातों में 1 करोड़ 78 लाख 85 हजार रुपए जमा करा लिए.
डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि पैसे जमा होने के बाद उन्हें ग्रुप से हटा दिया गया. ग्रुप से रिमूव होने के बाद पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. जिसके बाद उन्होंने 20 जून 2024 को इस पूरे मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई. इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने इस पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी. मंगलवार को पुलिस ने भोपाल से इस गिरोह के मास्टरमाइंड समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में कुल 238 शिकायतें दर्ज हैं. अब तक इनके द्वारा लगभग 15 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन भी किया जा चुका है. साइबर क्राइम टीम के द्वारा द्वारा सभी बैंक खातों को फ्रीज कर संदिग्ध ट्रांजेक्शंस की जांच की जा रही है.
आठवीं फेल से लेकर एमबीए पास तक चला रहे थे पूरा गिरोह : डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि, पकड़े गए चारों शातिर आरोपियों में भोपाल का रहने वाला रोहित सोनी साइबर ठगी का मास्टरमाइंड है. आठवीं फेल रोहित एक राजनीतिक पार्टी का जिला अध्यक्ष है. आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने इंटरनेट यूट्यूब और अपने दोस्तों से साइबर ठगी के तरीके को सीखा था. इसके बाद उसने अपना खुद का एक बैंक खाता खुलवाया, लेकिन साइबर रिपोर्टिंग के कारण वह खाता फ्रीज हो गया. इसके बाद उसने अपने तीन साथियों बारहवीं पास अक्षय गुरु, बीएससी (बायो) मनीष मंडल और एमबीए कर एक प्राइवेट बैंक में क्लर्क के पद पर कार्य कर रहे मयंक मीणा को अपने गिरोह में शामिल किया और उन्हें साइबर ठगी का तरीका सिखाकर खाता खोलने और खुलवाने का लालच दिया. इसके साथ ही आरोपी रोहित ने उन्हें हर बैंक खाते के लिए कमीशन देने का वादा किया और फिर चारों आरोपी मिलकर साइबर ठगी की घटना को अंजाम देने लगे.
विदेश से भी जुड़े हैं ठगी के तार : डीसीपी क्राइम ने आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि, आरोपी रोहित सोनी साइबर ठगी करने के बाद टेलीग्राम के जरिए संपर्क कर आर्मेनिया, चीन व दुबई में बैठे साइबर अपराधियों को पूरा पैसा क्रिप्टोकरंसी में भेजता था. बाद में वहां से अपना व खाता धारकों का कमीशन लेकर सभी को बांट देता था. उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ शिकायतों की जांच में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र 14सी की साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेन्टर व एनसीआरपी पोर्टल की सहायता से आरोपियों को ट्रेस किया गया.
डीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपी भारत के कई राज्यों आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, मेघालय, राजस्थान, कानपुर समेत कई राज्यों में साइबर ठगी की घटना को अंजाम दे चुके हैं. आरोपियों के पास से पुलिस ने 12 स्मार्टफोन, तीन कीपैड मोबाइल, एक लैपटॉप, एक मैकबुक, एक स्मार्ट वॉच, पांच सिम कार्ड, एक एटीएम स्वाइप मशीन, एक हार्ड डिस्क, एक राउटर, छह मुहर, पांच पैन कार्ड, चार क्यूआर कोड, एक भारतीय पासपोर्ट, एक आयुष्मान कार्ड, 16 एटीएम कार्ड, 33 चेक बुक, 11 बैंक चेक बुक विभिन्न फाइनेंशियल फर्म के प्रपत्र एक सफारी कार बरामद की है.