हिंडन नदी (Hindon River) का जलस्तर काफी बढ़ गया है। हिंडन नदी इस वक़्त उफान पर है, जिस वजह से कई लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। बाढ़ का पानी नोएडा के कई गांवों सहित रिहाईशी इलाकों में घुस गया है। बाढ़ के पानी से बड़ी आबादी प्रभावित हुई है। सैकड़ों लोग घर छोड़कर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। वहीं, एक ऐसी तस्वीर सामने आयी है, जो बाढ़ की भयावहता को दिखाता है। पार्किंग में खड़ी सैकड़ों गाड़ियां पानी में डूब गई है।
बताया जा रहा है कि, ये तस्वीर नोएडा के सेक्टर-142 की है। हिंडन नदी के पास खादर में बनाई गई अवैध पार्किंग (Noida illegal parking) बाढ़ में डूब गई। इस पार्किंग में खड़ी सैकड़ों कारें बाढ़ के पानी की चपेट में आ गई। अब ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
अवैध पार्किंग में डूबी सैकड़ों कारें
यूपी के गौतमबुद्ध नगर (Flood in Gautam Budh Nagar) के छिजारसी गांव से लेकर मोमनाथल तक हिंडन नदी का खादर क्षेत्र पूरी तरह डूब चुका है। बता दें, नदी के दोनों ओर नोएडा (Noida) और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में अवैध निर्माण अब बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं। बड़ी संख्या में अवैध रूप से बसायी गई कॉलोनियों में पानी घुस गया है। नोएडा के सेक्टर-142 के पास हिंडन नदी के खादर में बनाई गई अवैध पार्किंग बाढ़ में डूबी कारें बाढ़ के हालात दिखाने को काफी हैं।
डूब क्षेत्र का खस्ताहाल
हिंडन नदी से सटे डूब क्षेत्र के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सुत्याना, कुलेसरा और शहदरा ऐसे ही कुछ गांव हैं जहां पानी भर गया है। यहां गांव में पुलिस की तरफ से कहा गया है कि ग्रामीण मकान छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। लोग बमुश्किल ही बाहर निकल पा रहे हैं। हिंडन के साथ-साथ दिल्ली में यमुना नदी (Yamuna River) का जलस्तर भी काफी तेजी से बढ़ रहा है।
नोएडा के सेक्टर- 63 में भी बुरा हाल
इसी तरह, नोएडा के सेक्टर- 63 स्थित चोटपुर कॉलोनी (Chotpur Colony), बहलोलपुर गांव (Bahalolpur Village) में हिंडन नदी ने विकराल रूप ले लिया है। सैकड़ों घर डूब गए हैं। अधिकांश लोग घर खाली कर राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वो बीते 10 वर्षों से भी अधिक समय से यहां रह रहे हैं। कभी इस तरह की स्थिति नहीं बनी। मगर, इस बार पानी घरों में भर गया। घर छोड़कर जाने को लोग विवश हैं।
मुफ़्त खाने और रहने की व्यवस्था
सभी बाढ़ विस्थापितों के लिए मुफ्त में रहने-खाने की व्यवस्था की गई है। अनुमानतः 3,000 से अधिक लोग इस बाढ़ में विस्थापित हुए हैं। सभी को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है। सरकार की कोशिश है किसी तरह की कोई दिक्कत न आये।