संभल शाही जामा मस्जिद में सर्वे की वजह से हुई हिंसक झड़प के बीच मामले को लेकर FIR दर्ज की गई है. इस एफआईआर में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं, जिसमें बताया गया है कि यह हिंसा क्यों भड़की और हिंसा को भड़काने के पीछे किसका हाथ था? FIR के अनुसार, कोर्ट के आदेश के अनुसार रविवार की सुबह संभल शाही जामा मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंची थी. तभी सुबह 8.45 के करीब मस्जिद के पास करीब 800-900 लोग आए और सर्वे का विरोध करने लगे.
संभल हिंसा को लेकर चौंकाने वाले खुलासे
थोड़ी ही देर में विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और भीड़ ने पुलिसबल पर पत्थरबाजी कर दी. इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. जिसके बाद पुलिस ने भी जवाब कार्रवाई शुरू की. उपद्रवियों ने कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई.
संंभल में इंटरनेट सेवाएं आज भी बंद
हालांकि मंगलवार को स्कूल खोल दिए गए हैं, लेकिन इंटरनेट सेवाएं अभी भी चालू नहीं की गई है. आज भी सर्वे टीम मस्जिद पहुंची है.बता दें कि संभल में सर्वे के लिए टीम के पहुंचने से पहले ही धारा 163 लगा दी गई थी, जिसके अनुसार एक जगह 5 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हैं. बावजूद इसके रविवार को इतनी बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई. पुलिस ने कुल सात रिपोर्ट तैयार किया है. जिसमें 37 नामजद और 3750 अज्ञात लोगों को शामिल किया गया है. इसके साथ ही सपा नेता का नाम भी इसमें शामिल है. संभल हिंसा में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का नाम सामने आया है. उनके साथ ही उनके पिता ममलुकुर्रहमान बर्क को भी इस हिंसा में आरोपी बनाया गया है.
पहले से प्लांड संभल हिंसा
संभल जिला प्रशासन ने एक आदेश जारी कर अगले 30 नवंबर तक संभल में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है. पुलिस की मानें तो यह हिंसा पहले से ही प्लान थी. इस हिंसा के लिए पत्थर के साथ ही कई हथियार भी उपद्रवियों ने अपने साथ रखा था. इसकी कुछ दिनों पहले ही तैयारी पूरी कर ली गई थी. पुलिस को दोधारे खंजर भी मिले हैं.