गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित नौ दिवसीय पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को अच्छी पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित किया।

योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुस्तक एग्जाम वारियर्स का विशेष उल्लेख किया। कहा कि न केवल अकादमिक बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं में बिना दबाव किस तरह सफलता हासिल की जा सकती है, इस दिशा में यह पुस्तक बेहतरीन मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकती है। कार्यक्रम के मंच से मुख्यमंत्री ने प्रो रामदरश मिश्र को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साहित्य सृजन को याद किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुस्तकों को सबसे अच्छा मित्र और मार्गदर्शक बताया। विद्यार्थियों से कहा कि वह अपने पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ विभिन्न विषयों पर सकारात्मक ज्ञान देने वाली पुस्तकों को अवश्य पढ़ें।
उन्होंने पुस्तकों और इनके सृजन में गोरखपुर की समृद्ध थाती का दर्शन कराने के लिए फिराक, मुंशी प्रेमचंद, प्रो विश्वनाथ तिवारी और गीतप्रेस का भी नाम लिया। ग्राम सचिवालयों में एक कक्ष तो मिशन कायाकल्प के तहत बेसिक स्कूलों में की गई पुस्तकालयों की भी जानकारी दी।
जब नागरिक पढ़ते हैं तभी देश आगे बढ़ता है
उन्होंने कहा कि यह पुस्तक महोत्सव आने वाले 9 दिनों तक 200 से अधिक स्टॉलों के माध्यम से गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को अपनी रुचि की पुस्तकें खरीदने का शानदार अवसर प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएम मोदी हमेशा कहते हैं ‘वेन सिटिजन, कंट्री लीड’ यानी जब नागरिक पढ़ते हैं तभी देश आगे बढ़ता है।
सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर की भूमि इसलिए भी विशेष है क्योंकि पिछले 100 वर्षों से गीता प्रेस भारत और विश्व में सनातन धर्म की विचारधारा को अपनी पुस्तकों के माध्यम से पहुंचा रहा है। उन्होंने साहित्यकार फिराक गोरखपुरी, मुंशी प्रेमचंद, प्रो. विश्वनाथ त्रिपाठी जैसे लेखकों का स्मरण किया और हाल ही में दिवंगत साहित्यकार श्रीराम दरस मिश्र को श्रद्धांजलि दी।
डबल इंजन की सरकार राज्यभर में पुस्तकालयों का जाल बिछा रही
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तकें हमेशा नई प्रेरणा देती हैं। हमें उनसे जुड़ना चाहिए। अगले 9 दिनों में यहां अनेक विमर्श, परिचर्चा, पुस्तकों के विमोचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। गोरखपुर विश्वविद्यालय के साथ शहर की सभी संस्थाओं को इसमें भागीदारी करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार राज्यभर में पुस्तकालयों का जाल बिछा रही है। प्रदेश की 57,600 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों के साथ पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं। 1.56 लाख से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में से 1.36 लाख विद्यालयों का कायाकल्प किया गया है, जिनमें पुस्तकालय और डिजिटल लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है ताकि बच्चों में पढ़ने की संस्कृति विकसित हो सके।
स्मार्टफोन पर निर्भरता युवाओं में अवसाद और विचलन बढ़ा रही है
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे स्मार्टफोन पर अनावश्यक समय व्यर्थ न करें और अपने समय का सदुपयोग पुस्तकों के अध्ययन में करें। उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन पर निर्भरता युवाओं में अवसाद और विचलन बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री मोदी की पुस्तक एग्जाम वारियर्स छात्रों के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शक है। इसे हर विद्यार्थी को पढ़ना चाहिए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अच्छी पुस्तकें न केवल परीक्षा में मदद करती हैं बल्कि जीवन के कठिन समय में भी मार्गदर्शन देती हैं। धार्मिक, पर्यावरणीय, तकनीकी और एआई से जुड़ी पुस्तकों से हमें ज्ञान और प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि हम सभी को स्मार्टफोन पर खर्च घटाकर पुस्तकों में निवेश करना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देवोत्थान एकादशी है, यह शुभ अवसर भगवान विष्णु की कृपा का प्रतीक है। इसी पावन दिन पर पुस्तक महोत्सव का शुभारंभ हुआ है, यह पूरे प्रदेश के लिए शुभ संकेत है।
मुख्यमंत्री ने बच्चों और आंगनबाड़ी दीदियों को किया सम्मानित
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आंगनबाड़ी दीदियों को सम्मानित किया। इसमें निशा, चिंता, प्रेमलता, पुष्पा, बिंद्रावती को मुख्यमंत्री ने पुस्तकें भेंटकर सम्मानित किया। वहीं एनबीटी और डीडीयू की ओर से आयोजित प्रतियोगिता में विजयी बच्चों को सम्मानित किया गया। इसमें श्रीजा शरण, अभय वर्मा, रश्मिका दुबे, आदेश कुंवर सिंह, दिव्या विश्वकर्मा, शिवम कुमार गुप्ता, तोषिका चौहान, शिवांगी पांडेय, निलय कुमार, अभिषेक सिंह, देवानंद गुप्ता और आयुष किशोर को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया।
इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ला, विधायकगण विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ला, श्रीराम चौहान, श्रवण निषाद, विमलेश पासवान, महिला आयोग उपाध्यक्ष चारू चौधरी, डीडीयू की कुलपति प्रो पूनम टंडन, अवनीश अवस्थी, एनबीटी के चेयरमैन मिलंद सुधारक मराठे, युवराज मलिक, आचार्य पवन त्रिपाठी सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।












