उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित Integral University के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो गई है। 10 नवंबर को दिल्ली के Red Fort के पास हुए कार-धमाके के बाद, केंद्रीय व राज्य एजेंसियों ने पूरे प्रदेश में खुफिया दृष्टि से चक्र बढ़ा दिए हैं। इस क्रम में विश्वविद्यालय से करीब 65 छात्रों की जानकारी तुरंत मांगी गई है, जिनमें मुख्यत: जम्मू-कश्मीर से संबंधित छात्र भी शामिल बताए जा रहे हैं। अनुमान है कि इस विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त छात्रों व डॉक्टरों के माध्यम से किसी खतरनाक नेटवर्क का संचालन हो रहा हो सकता है, जिस पर अब UP ATS ने सख्त निगरानी शुरू कर दी है।

डॉ. परवेज अंसारी के अचानक इस्तीफे और गायब होने की गुत्थी
मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर रहे परवेज अंसारी ने धमाके से ठीक एक सप्ताह पहले (6-7 नवंबर) स्वयं इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में चुना गया है। लेकिन उसके बाद अचानक उनकी भूमिका संदिग्ध हो गई — उनकी बहन शाहीन शाहिद की फरीदाबाद में गिरफ्तारी के बाद अंसारी घर से गायब हो गए। 11 नवंबर को UP ATS व जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने अंसारी के मड़ियांव स्थित घर पर छापा मारा, लेकिन घर बंद मिला। तलाशी के दौरान 6-कीपैड मोबाइल फोन व अन्य संदिग्ध डिजिटल उपकरण मिले। प्रारंभिक पूछताछ में यह संकेत मिल रहा है कि अंसारी का इस पूरी साजिश से गहरा संबंध था और वह अपनी बहन शाहीन के साथ लगातार संपर्क में था।
महिला कमांडर शाहीन और प्रशिक्षण-नेटवर्क
शाहीन शाहिद (46) लखनऊ निवासी हैं, जिन्होंने पहले यूपीपीएससी के माध्यम से कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य किया था। 2013 में अचानक नौकरी छोड़कर गायब हो गई थीं। बाद में Al‑Falah University, फरीदाबाद में पाई गईं, जहाँ से कथित रूप से Jaish‑e‑Mohammed (JeM) के नेटवर्क को संचालित किया गया। पाकिस्तानी हैंडलर सादिया अजहर (JeM प्रमुख मसूद अजहर की बहन) के सीधे संपर्क में आने के बाद उन्होंने भारत में JeM की महिला विंग Jamat‑ul‑Mominat बनाने की जिम्मेदारी प्राप्त की थी। कथित रूप से उन्होंने अपने भाई अंसारी को कट्टरपंथ की दिशा में अग्रसर किया था।
यूनिवर्सिटी पर सुरक्षा-हाथियार की जाँच
Integral University पहले भी विवादों में रही है, इस संस्थान से पहले दो आतंकवादी गिरफ्तार हो चुके हैं। अब इस नए मामले को देखते हुए एजेंसियों ने विश्वविद्यालय में विदेशी फंडिंग, वित्तीय लेन-देन व डॉक्टर-छात्र नेटवर्क की जाँच शुरू कर दी है। गिरफ्तार अंसारी ने पूछताछ के दौरान अपने दो साथियों के नाम बताये हैं जिनकी तलाश जारी है। सूत्रों के अनुसार ये साथी “रेकी” व “लॉजिस्टिक्स” कार्यों में जुटे थे।
नया रूप: ‘शिक्षित जिहादी’
UP ATS इसे ‘व्हाइट-कॉलर टेररिज्म’ का नया रूप बता रही है — जहाँ मदरसों से नहीं बल्कि डॉक्टरों, प्रोफेसरों व इंजीनियर्स के माध्यम से आतंकी साजिशें खड़ी की जा रही हैं। इस तरह का नेटवर्क दिल्ली के अलावा लखनऊ, अयोध्या व मथुरा जैसे शहरों में सक्रिय होने की आशंका है। बढ़ते हालात के बीच लखनऊ में हाई अलर्ट जारी है और विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर पुलिस तैनात कर दी गई है। अभी तक जांच प्रारंभिक चरण में है और आगे क्या खुलासा होगा यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। लेकिन एक बात निश्चित है अब सिर्फ उग्र-आंदोलन नहीं, बल्कि ‘शिक्षित’ वर्ग के द्वारा संचालित नेटवर्कों ने सुरक्षा तंत्र के लिए नई चुनौतियाँ प्रस्तुत कर दी हैं।













