महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र में 15 नवंबर को हुए अग्निकांड के बाद बचाए गए दो और नवजातों की शनिवार को मौत हो गई। अब मरने वाले शिशुओं की संख्या 17 हो गई है। वहीं, स्वस्थ होने पर तीन बच्चों की छुट्टी कर दी गई।
वार्ड में 15 नवंबर को रात करीब सवा 10 बजे आग लग गई थी। इस हादसे में 10 नवजातों की मौत हो गई थी। 39 नवजातों को वार्ड से निकालकर इमरजेंसी में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान एक-एक कर पांच बच्चों ने दम तोड़ दिया था।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर ने बताया कि शनिवार को ललितपुर निवासी राधा पत्नी प्रीतम और तालबेहट निवासी पूनम पत्नी रंजीत के बच्चों की मौत हो गई। जन्म के बाद बीमारी के चलते इनकी जान गई है। ये दोनों शिशु झुलसे नहीं थे। अब तक 28 नवजातों को छुट्टी दी जा चुकी है।
क्या हुआ था उस रात?
मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में 15 नवंबर की रात भीषण आग लग गई थी। हादसे के वक्त वार्ड में 49 नवजात भर्ती थे, जिनमें से आग की चपेट में आने से 10 नवजातों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। जबकि, बाकी 39 बच्चों को आग से बचाकर मेडिकल कॉलेज व निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।
हादसे के बाद से बचाए गए बच्चों की मौत का क्रम लगातार बना हुआ है। हादसे के बाद एक-एक कर दो बच्चों की पहले ही मौत हो गई। जबकि, मंगलवार की रात रक्सा थाना इलाके के ग्राम बजाना निवासी काजल पत्नी बॉबी के बच्चे की मौत हो गई थी। इसके बाद बुधवार की दोपहर ग्राम बमेर निवासी लक्ष्मी पत्नी महेंद्र की बच्चे की मौत हो गई। इसके अलावा मऊरानीपुर निवासी पूजा पत्नी कृष्णकांत के बच्चे की सांसें थम गईं।
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डाॅ. एनएस सेंगर ने बताया कि तीनों बच्चों की मौत बीमारी से हुई है। ये बच्चे आग से नहीं झुलसे थे और न ही धुएं से इन्हें कोई नुकसान हुआ था।