संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा के लॉयड इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी व ड्रोन तकनीक की प्रतिष्ठित कंपनी टीसओ बीच बुधवार को एमओयू साइन किया गया। इस समझौते के तहत लॉजिस्टिक ड्रोन को ग्रेटर नोएडा में विकसित किया जाएगा। चिकित्सा के क्षेत्र में ड्रोन की बढ़ती उपयोगिता को लेकर ज्यादा वजन और लंबी दूरी तय करने वाले ड्रोन बनने पर जोर दिया जा रहा है। भविष्य में लॉयड कॉलेज को ड्रोन पैड के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
दरअसल, बुधवार को टीसओ और लॉयड स्किल सेंट्रल लॉजिस्टिक्स ड्रोन को विकसित करने के समझौते पर हस्ताक्षर हुए। जिसमें लॉयड कॉलेज के छात्र-छात्राएं ड्रोन की टेक्नोलॉजी को विकसित करने में सहयोग करेंगे।लॉयड कॉलेज के निदेशक प्रोफेसर राजीव अग्रवाल ने बताया कि स्किल सेंटर और टीसओ कंपनी संयुक्त रूप से लॉजिस्टिक ड्रोन विकसित करेंगे। जिसमें 50-50 प्रतिशत खर्च का वहन दोनों ही संस्थान के द्वारा किया जाएगा।
इस मौके पर उन्होंने बताया कि एनएचएआई के निदेशक में हेलीपैड के साथ-साथ ड्रोन पैड को भी देश मे विकसित किया जा रहा है। ड्रोन टेक्नोलॉजी के द्वारा काफी तेजी से आम जनजीवन में उपयोग किया जा रहा है। बड़ी सोसाइटियों में ड्रोन पैड बनाए जा रहे हैं जिससे ऊंची इमारत तक बहुत ही कम समय में चिकित्सा सुविधा को पहुंचाया जा सके। जरूरत पड़ने पर आसानी से निगरानी भी की जा सके और लोगों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।
इस मौके पर टीसओ कंपनी के सह संस्थापक किशन तिवारी ने बताया कि लॉयड स्किल सेंटर में हम साथ मिलकर दैनिक जीवन में ड्रोन की उपयोगिताओं को बढ़ाने के लिए अनुसंधान करेंगे। पिछले 4 वर्षों में ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में काफी विकसित हुई है। किशन तिवारी ने बताया कि आज के समय में सरकार की योजनाए हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा टीसओ कंपनी और उसके संस्थापकों के उल्लेखनीय प्रयास के बारे में प्रसंसा की गई है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अभी तक जो उन्होंने ड्रोन बनाया है वह 20 किलो वजन को आसानी से ले जा सकता है लेकिन आने वाले समय में 100 से 200 किलो वजन ले जाने वाले ड्रोन को विकसित किया जाएगा।
किशन तिवारी ने बताया कि जल्द ही सेकड़ो किलोमीटर की दूरी तय करने वाले ड्रोन की तकनीक पर कार्य किया जा रहा है जिसके बाद एक राज्य से दूसरे राज्य तक भी ड्रोन आसानी से सफर तय कर पाएगा उसकी निगरानी की भी पूरी व्यवस्था रहेगी। भविष्य में ड्रोन टेक्नोलॉजी ट्रांसपोर्टेशन के लिए प्रमुखता से उपयोग की जाएगी।
लॉयड स्किल केंद्र प्रमुख मनीष सारस्वत ने बताया कि हमारे छात्र और सहकर्मीय लॉजिस्टिक ड्रोन को विकसित करने के लिए काफी उत्साहित हैं नवाचार को हम लोग प्रोत्साहित करेंगे। आने वाले वर्षों में ड्रोन इंडस्ट्री में छात्रों को सर्वाधिक रोजगार मिलेगा इसके लिए हमारे छात्र पूर्णतया तैयार रहेंगे। इस मौके पर डॉ एएलएन राव, शशि प्रकाश द्विवेदी, अमृता राय और आशीष परमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे।