संचार नाउ। सादुल्लापुर गाँव का नाम बदलने के प्रस्ताव के विरोध में रविवार को गाँव में महापंचायत का आयोजन हुआ। ग्रामीणों ने साफ कहा कि गाँव का नाम बदलने से विकास नहीं होगा, बल्कि असली जरूरत बुनियादी सुविधाओं की है। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि नाम बदलने के बजाय सरकार और प्रशासन को गाँव की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।
नाम बदलने की मांग पर नाराज़गी
दरअसल, कुछ दिन पहले गाँव के ही कुछ लोगों ने विधायक तेजपाल नागर से मुलाकात कर सादुल्लापुर का नाम बदलकर भरतपुर करने की मांग की थी। इसी को लेकर गाँव में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। पंचायत में ग्रामीणों ने इस कदम का विरोध किया और कहा कि नाम बदलने से गाँव की तकदीर नहीं बदल सकती।
गाँव की समस्याओं पर ध्यान देने की मांग
गाँव के निवासी दीपक नागर ने कहा कि गाँव में जर्जर सड़कें, रेलवे ओवरब्रिज और आए दिन जाम की समस्या से लोग परेशान हैं। उन्होंने मांग की कि गाँव की बढ़ती आबादी को देखते हुए अस्पताल, स्टेडियम और स्कूल जैसी योजनाओं को लाया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोग खुशहाल जीवन जी सकें।
गाँव के प्रधान रणसिंह ने कहा कि गाँव का नाम बदलने से भलाई नहीं होगी, बल्कि समस्याएँ और बढ़ेंगी। सभी ग्रामवासी इस प्रस्ताव का विरोध करते हैं।
बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी
गांव में हुई रविवार को पंचायत में सभी ने एक साथ गांव के नाम बदलने पर विरोध जताया है। पंचायत के अध्यक्ष बाबा परमाल ने कहा कि यदि नाम बदलने का निर्णय जबरन लिया गया, तो बड़ा आंदोलन होगा और डीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
भारी संख्या में ग्रामीण शामिल
महापंचायत में जगदीश नागर, पवन पहलवान, जितेंद्र पहलवान, संजू पहलवान, सचिन नागर, माही प्रधान, भिखारी नागर, बिजेंद्र बीडीसी, निर्जन नागर, रणजीत मास्टर, सरजीत नागर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और युवा मौजूद रहे।