मणिपुर में पिछले दो सालों से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच चल रही जातीय हिंसा के बीच रविवार की शाम को सीएम एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद इंफाल पहुंचने के बाद उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया. राज्यपाल ने एन बीरेन सिंह को कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहने कहा है.
इस बीच, मणिपुर में सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को स्थगित कर दिया गया है. राज्यपाल अजय भल्ला ने आदेश राज्य सरकार के 24 जनवरी के उस आदेश को कैंसिल कर दिया है, जिसमें विधानसभा के बजट सत्र को 10 फरवरी से बुलाया गया था.
सोमवार से शुरू हो रहा विधानसभा सत्र स्थगित
कांग्रेस ने सोमवार से शुरू वाले विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की पूरी तैयारी कर रखी थी. सूत्रों से खबर मणिपुर में नए मुख्यमंत्री बनाए जाने तक विधानसभा सस्पेंडेड एनीमेशन में रहेगा. मणिपुर विधानसभा भंग नहीं होगा.
ये नेता हैं सीएम पद के दावेदार
दूसरी ओर, मणिपुर के नए मुख्यमंत्री के रेस में युमनाम खेमचंद सिंह और टी विश्वजीत सिंह का नाम सबसे आगे हैं. ये दोनों बीरेन सिंह कैबिनेट में मंत्री हैं. मौजूदा स्पीकर टी सत्यब्रत सिंह भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं. नए मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बनने की स्थिति में कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन का रास्ता खुला रहेगा.
इस्तीफे पर सुप्रिया श्रीनेत ने कही ये बात
दूसरी ओर, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बीरेन सिंह के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मणिपुर में बीरेन सिंह का इस्तीफा कोई मृत अंतरात्मा के जागने से नहीं दिया गया है, यह मजबूरी में लिया गया निर्णय है.
उन्होंने कहा किकल से मणिपुर असेंबली में सेशन की शुरुआत थी, बीरेन सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ रहा था – जो वह हर कीमत पर हारते, उनके खुद के विधायक उनके साथ नहीं थे. यही नहीं, जो 9 विधायक JDU और MPP से उनके साथ आए थे, वो भी अयोग्य (disqualify) घोषित होने की कगार पर हैं. यह मुंह छिपाने के अंदेशे से दिया इस्तीफ़ा है.