कानपुर: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिवार ने गुरुवार को प्रेमानंद महाराज के आश्रम में जाकर मुलाकात की। इस दौरान उनके परिवार ने एकांतिक वार्ता में आशीर्वाद लिया। प्रेमानंद महाराज से मिलकर शुभम की पत्नी ऐशान्या भावुक हो गईं। इस दौरान परिवार ने उनसे 10 मिनट तक वार्ता की। शुभम की पत्नी ऐशान्या, पिता संजय, चाचा मनोज, सुरेश दुबे अन्य परिजन मौजूद रहे।
शुभम द्विवेदी के चाचा ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज कुमार ने बताया कि भतीजे के वियोग से मन व्यथित था। उन्होंने कहा कि पूज्य महाराज के आशीर्वाद और प्रवचन से परिवार को मानसिक शांति मिली है। प्रेमानंद महाराज से मुलाकात करने पहुंचे संजय द्विवेदी का प्रश्न आया तो उन्होंने पूछा कि पहलगाम आतंकी हमले में हमारा बेटा शहीद हो गया। मैं धर्म से सब अच्छे काम करता हूं। मेरे साथ ऐसी घटना हो गई, जिससे मन बहुत दुखी है।
पुत्र वियोग में राजा दशरथ ने त्यागे थे प्राण
संत प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि पहलगाम घटना से मन बहुत व्यथित है। पुत्र वियोग संसार का सबसे बड़ा दुख होता है। श्रीरामचरितमानस का उल्लेख करते हुए बताया कि पुत्र वियोग में महाराज दशरथ ने प्राण त्याग दिए थे। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण शक्ति के समय भगवान श्रीराम भी दुख के सागर में डूब गए थे, इसलिए संसार में पुत्र और भाई से बढ़कर कुछ नहीं है।
सब विधि का विधान है
प्रेमानंद महाराज ने परिवार को समझाया कि विधाता का नियम निश्चित है, जिसको यहां जिस विधान से जाना है, वह सब पूर्व निर्धारित होता है, इसलिए शुभम का पहलगाम में शहीद होना विधि का विधान है। उन्होंने परिवारजनों को इस दुख के समय नाम जाप करने की सलाह दी। इसी से सबका कल्याण होता है।