महोबा। बालिका को अगवाकर नशीला पदार्थ खिलाने और दुष्कर्म के पांच साल पुराने मामले में अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया। दोषी को 20 वर्ष के कारावास व 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया गया है।
थाना कबरई के एक मोहल्ला निवासी युवक ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उसकी 13 वर्षीय पुत्री कक्षा छह की छात्रा है। 23 दिसंबर 2018 की शाम बालिका लापता हो गई। खाेजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। बाद में पता चला कि महेबा गांव निवासी रमेश खंगार का साला सुशील निवासी गुखरही जनपद बांदा बालिका को ले गया है। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। न्यायालय ने छह सितंबर 2019 को अभियुक्त सुशील के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए थे।
पीड़िता ने अपने बयान में बताया था कि वह अपने मौसी के यहां जा रही थी। तभी ऑटो लेकर सुशील रास्ते में आ गया और उसे जबरन बैठा लिया। उन्हें नशीली दवा खिला दी। बाद में आरोपी उसे ग्वालियर ले गया। जहां एक कमरे में रखकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह उसे लेकर बांदा आया और यहां भी किराये के कमरे में रखकर दुष्कर्म करता रहा।
अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम) कु. अलका चौधरी ने फैसला सुनाया। मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा व अमन कुमार सिंह ने बताया कि दोष सिद्ध होने पर सुशील को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ेगी।