संचार नाउ | यमुना सिटी | नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन को सुरक्षित और सुचारु बनाने के लिए अब 20 किलोमीटर के दायरे में मोबाइल टावर, ऊंची इमारतें और कुछ अन्य निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई है। विमान संचालन सुरक्षा की दृष्टि से यह नियम बेहद अहम है, जिससे विमान टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान कोई बाधा न उत्पन्न हो।

नोएडा एयरपोर्ट देश का सबसे आधुनिक एविएशन हब बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुरक्षा उपायों का पालन न सिर्फ ज़रूरी है, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास और निवेश को सुरक्षित करने के लिए अनिवार्य भी है।
नोएडा एयरपोर्ट के 20 किलोमीटर के दायरे को पाँच जोन में बांटा गया है, और हर जोन के लिए अधिकतम ऊंचाई की सीमा तय की गई है।
✈️ पाँच जोन में बंटा एयरपोर्ट सुरक्षा घेरा
- ऑउटर ज़ोन (20 किमी तक)
- अधिकतम ऊंचाई: 139 मीटर
- मंज़िलें: अधिकतम 46
- मिड ज़ोन (9.1 किमी तक)
- अधिकतम ऊंचाई: 79 मीटर
- मंज़िलें: अधिकतम 26
- इनर ज़ोन (4 किमी तक)
- अधिकतम ऊंचाई: 14-19 मीटर
- मंज़िलें: 6 तक
- कोर ज़ोन (15 किमी तक – विशिष्ट मार्ग में)
- अधिकतम ऊंचाई: 109 मीटर
- मंज़िलें: 36
- कंट्रोल ज़ोन (विमान मार्ग में सबसे समीप)
- अधिकतम ऊंचाई: 69 मीटर
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मंज़िलें: 16
📵 मोबाइल टावर और हाई-राइज़ बिल्डिंग्स पर प्रतिबंध
DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) के निर्देशानुसार, एटीसी रडार, नेविगेशनल उपकरण और उड़ानों की सुरक्षा में हस्तक्षेप करने वाले किसी भी ढांचे की अनुमति नहीं होगी। वर्तमान में, नोएडा एयरपोर्ट के आस-पास लगभग 1334 मोबाइल टावर स्थित हैं। अब सभी टावरों की ऊंचाई का पुनर्मूल्यांकन कर नया एनओसी सिस्टम लागू किया जाएगा।
प्राधिकरण का सख्त निर्देश
यमुना प्राधिकरण के सीईओ और एयरपोर्ट प्रबंधन ने सभी रियल एस्टेट डेवलपर्स, इंडस्ट्री ओनर्स और स्थानीय निकायों को सूचित कर दिया है कि नए निर्माण कार्य पहले एरोड्रम क्लीयरेंस के लिए अनुमति प्राप्त करें।
क्यों जरूरी हैं ये प्रतिबंध?
- रनवे पर टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान 15 डिग्री तक का एंगल बेहद संवेदनशील होता है।
- यदि इस जोन में कोई ऊंचा निर्माण होता है, तो इससे विमान की सुरक्षा पर सीधा खतरा हो सकता है।
- रेडियो तरंगों में व्यवधान से एटीसी संचालन प्रभावित हो सकता है।
नज़र रखें इन क्षेत्रों पर
विशेष रूप से यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास क्षेत्र, जेवर, टप्पल और राया तक के क्षेत्रों में यह प्रतिबंध लागू होगा। आवासीय और व्यावसायिक योजनाएं भी अब नई ऊंचाई सीमाओं के तहत स्वीकृत होंगी।












