लखनऊ : योगी सरकार की अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति और कोर्ट में असरदार पैरवी के नतीजे सामने आने लगे हैं. ऐसे प्रयासों के बदौलत शुक्रवार को माफिया मुख्तार अंसारी को एक बड़ा झटका लगा. वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को कोयला कारोबारी की हत्या के गवाह को धमकाने के मामले में साढ़े पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले अवधेश राय की हत्या में भी माफिया मुख्तार अंसारी को सबसे बड़ी सजा उम्रकैद की सुनाई जा चुकी है. मुख्तार अंसारी को अब तक कुल सात मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है.
26 साल पुराना है मुकदमा
एमपी/एमएलए कोर्ट वाराणसी ने कोयला कारोबारी नंद किशोर रुंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी पाया. वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट (Varanasi MP MLA court) में शुकवार को हुई सुनवाई में मुख्तार अंसारी के खिलाफ सभी आरोप सही साबित हुए. इस मामले में कोर्ट ने माफिया को साढ़े पांच साल की कठोर कारावास और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनायी है.
उल्लेखनीय है कि वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के जवाहर नगर के कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा की 22 जनवरी 1997 को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी. इस हत्या में मुख़्तार अंसारी व उसके गुर्गे अताउर रहमान उर्फ़ सिकंदर का नाम सामने आया था. इसके बाद पांच नवंबर 1997 की शाम नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा के लैंडलाइन पर धमकी दी गई कि अपहरण के बाद हत्या मामले में पुलिस अथवा सीबीआई में पैरवी न करें. साथ ही पैरवी पर पूरे परिवार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी. इस संबंध में भेलूपुर थाने में एक दिसंबर को मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस ने मामले में विवेचना पूरी कर तीन जुलाई 1998 को मुख़्तार अंसारी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया था.