गाजीपुर: माफिया और मऊ सदर के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को गाजीपुर जिला जेल से कासगंज जेल स्थानांतरित किया गया है। उमर पर फर्जी दस्तावेज बनाकर संपत्ति बचाने और कोर्ट को गुमराह करने का गंभीर आरोप है। अदालत ने उमर की जमानत याचिका खारिज कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
पुलिस के अनुसार उमर को लखनऊ के दारुलशफा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। उस पर अपने पिता की जब्त संपत्ति को बचाने के लिए अपनी मां अफशां अंसारी के हस्ताक्षर से बने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने का आरोप है। गाजीपुर पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद उमर को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल में दाखिल किया था।
उमर को गाजीपुर जेल की बैरक नंबर 10 में रखा गया था। इसी बैरक में कभी उसके पिता मुख्तार अंसारी को लंबे समय तक बंद रखा गया था। पिछले दिनों उमर के बड़े पिता और मुख्तार अंसारी के बड़े भाई वर्तमान में गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को भी एक मुकदमे के दौरान बैरक नंबर 10 में ही निरुद्ध रखा गया था। अदालत में पेशी के दौरान सबूतों के आधार पर उमर की जमानत खारिज हुई थी।
प्रशासन के अनुसार सुरक्षा कारणों से उमर को गाजीपुर जेल में लंबे समय तक रखना संभव नहीं था। इसलिए उसे कासगंज जेल भेजा गया। मालूम हो कि उमर के बड़े भाई अब्बास अंसारी और पिता मुख्तार अंसारी भी पहले गाजीपुर जेल की बैरक नंबर 10 में रह चुके हैं। उमर का कासगंज जेल स्थानांतरण अंसारी परिवार के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाई का हिस्सा माना जा रहा है।
इस घटनाक्रम ने गाजीपुर और आसपास के क्षेत्रों में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। चर्चा है कि उमर की गिरफ्तारी और जेल स्थानांतरण से अंसारी परिवार के राजनीतिक भविष्य पर असर पड़ सकता है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि कानून सबके लिए बराबर है। इस मामले की जांच पूरी गंभीरता से की जा रही है।