26/11 मुंबई आतंकी हमले से जुड़े मामले में बुधवार को कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। मुंबई आतंकी हमले में शामिल आतंकी तहव्वुर राणा को अपने भाई से बात करने की अनुमति दे दी गई है। दिल्ली स्थित NIA की विशेष कोर्ट में सुनवाई के बाद ये फैसला दिया गया है। आइए जानते हैं कि कोर्ट ने ये फैसला क्यों दिया है।
क्यों मिली फोन पर बात की अनुमति?
पाकिस्तान मूल के आतंकी तहव्वुर राणा को अपने भाई से बात करने की अनुमति मिल गई है। पटियाला हाउस कोर्ट ने तहव्वुर राणा को इस महीने 3 बार भाई से फोन पर बात करने की अनुमति दी है। जानकारी के मुताबिक, तहव्वुर राणा को निजी वकील की नियुक्ति पर चर्चा करने के लिए अपने भाई से फोन पर बात करने की अनुमति मिली है।
कोर्ट ने लगाईं ये शर्तें
आतंकी तहव्वुर राणा को भाई से फोन पर बात करने देने की मंजूरी देते हुए कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाईं हैं। बंद कमरे में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि तहव्वुर राणा की फोन कॉल रिकॉर्ड की जाएंगी और जेल अधिकारियों की मौजूदगी में बातचीत अंग्रेजी या हिंदी में होनी चाहिए।
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागिरक है। वह अमेरिका के शिकागो का नागरिक भी रह चुका है। राणा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में किए गए हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमैन हेडली का करीबी था। तहव्वुर राणा ने इससे पहले करीब 10 साल तक पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के पद पर काम किया है। इसके बाद वह नौकरी छोड़कर भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया। तहव्वुर राणा ने मुंबई पर हमला करने के लिए पाकिस्तानी आतंकियों की न सिर्फ मदद की, बल्कि इस पूरी प्लानिंग का हिस्सा रहा। लंबी कोशिश के बाद अप्रैल महीने में तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर के भारत लाया गया था।