इलाहाबाद हाईकोर्ट और वाराणसी जिला अदालत के आदेश के अनुसार ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi ASI Survey) में एएसआई की टीम का सर्वे लगातार जारी है. आज एएसआई के सर्वे का छठा दिन है. इसी बीच सर्वे से जुड़े मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया है. जिसके तहत ज्ञानवापी परिसर के मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की बात कही गई है.
दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व विभाग के 50 के करीब अधिकारी सर्वे कर रहे हैं. इस दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकील भी साथ हैं. वहीं अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी ने ज्ञानवापी परिसर के मीडिया कवरेज पर रोक लगाने के लिये एक प्रार्थना पत्र वाराणसी जिला अदालत में लगाया है. अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी के अनुसार प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश पर ASI सर्वे हो रहा है, ऐसे में सर्वे की टीम या उसके किसी अधिकारी की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं दिया गया है.
मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग
अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी का कहना है कि एएसआई की ओर से किसी भी प्रकार का कोई बयान नहीं जारी करने के बावजूद सोशल मीडिया से लेकर अखबार और तमाम चैनल लगातार खबरें चला रहे हैं. इसके साथ ही अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी ने इन खबरों को भ्रामक बताते हुए कहा कि ऐसा करने से जन मानस पर गलत प्रभाव पड़ेगा. इसलिये इस तरह के समाचारों को प्रकाशित होने से प्रसारित होने से रोका जाए.
खारिज हुई थी हिंदू पक्ष की याचिका
बता दें कि इससे पहले मंगलवार के दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिन्दू पक्ष की ओर से दायर की गई याचिका को खारिज किया जा चुका है. इस याचिका में ज्ञानवापी परिसर को सील करने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने के बहाने परिसर में दाखिल होते हैं और उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं. फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद जनहित याचिका को खारिज कर दिया.