ग्रेटर नोएडा। कुख्यात बदमाश और गैंगस्टर सुंदर भाटी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत के बाद उसके गैंगस्टर भतीजे अनिल भाटी को भी जमानत मिल गई।
ग्रेटर नोएडा के घंघोला निवासी कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी और अनिल भाटी रिश्ते में चाचा-भतीजे हैं। अनिल सुंदर भाटी के बड़े भाई सहदेव भाटी का बड़ा बेटा है।
चर्चा है कि दोनों के बाहर आने के बाद गिरोह से जुड़ा दादरी का बड़ा माफिया मुनीम भी दुबई से वापस आ गया है। दो साल पहले पुलिस की कुर्की की कार्रवाई और रवि काना गिरोह के डर से वह दुबई भाग गया था। चाचा-भतीजे की रिहाई व गिरोह से जुड़े सदस्यों के सक्रियता बढ़ने पर पुलिस के लिए चुनौती होगी।
रवि काना की पैरवी पर सुंदर को हुई थी सजा
सुंदर भाटी पर हत्या, अवैध वसूली, जानलेवा हमले सहित 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इसके बावजूद जमानत मिलने से नोएडा पुलिस की पैरवी पर सवाल उठ रहे हैं। स्क्रैप माफिया रवि काना की पैरवी पर सुंदर भाटी समेत हत्या में शामिल 11 बदमाशों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी।
अंबेडकर जेल में बंद था अनिल
अगस्त 2024 में ही अनिल भाटी को जिला जेल से अंबेडकर नगर जिला जेल शिफ्ट किया गया था। सूत्रों की मानें तो रिहाई के बाद गैंगस्टर अनिल भाटी ने दिल्ली पहुंचकर अपने चाचा सुंदर भाटी से मुलाकात की है। जिसके बाद वह ग्रेटर नोएडा आ गया। वास्तव में वह कहां है पुलिस इसका पता लगा रही है।
अनिल ने कराई थी भाजपा नेता शिव कुमार की हत्या
अनिल भाटी ने 16 नवंबर 2017 को भाजपा नेता शिव कुमार समेत तीन लोगों की तिगरी गोलचक्कर के समीप अपने गुर्गे भेजकर हत्या कराई थी। उस दौरान एसटीएफ ने मामले का पर्दाफाश करते हुए बताया था कि भाजपा नेता की हत्या में अनिल ने पैसे लेकर शूटर उपलब्ध कराए थे।
अनिल ने हत्या के लिए अर्रेंज कराए थे तीन शार्प शूटर
अरुण नाम के युवक ने भाजपा नेता की हत्या करने के एवज में अनिल को 50 लाख रुपये की सुपारी दी थी। अरूण का मानना था कि साल 2004 में उसके पिता की हत्या शिव कुमार ने की थी। सुंदर भाटी के भतीजे अनिल भाटी ने हत्या के लिए तीन शार्प शूटर अर्रेंज कराए थे, जिसमें नरेश तेवतिया मुख्य शार्प शूटर था।
जिलाधिकारी ने लगाई थी एनएसए
अनिल भाटी की बढ़ती आपराधिक घटनाओं को देखते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी ने एनएसए लगाकर जेल भेज दिया था। उसके खिलाफ भी लूट, हत्या, गैंगस्टर एक्ट जैसी संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज है।