अब उत्तर भारत में पहला स्किन बैंक खुल चुका है. यह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में खुला है. अब मौत के बाद आसानी से स्किन डोनेट की जा सकेगी. देश की सबसे बड़ी बर्न केयर यूनिट चलाने वाले सफदरजंग अस्पताल में स्किन बैंक खोला गया है. यहां किसी की मौत के बाद स्किन का भी दान किया जा सकेगा.
कहां से ली जाती है स्किन
डोनेशन के लिए स्किन पैरों , जांघ और पीठ से त्वचा ली जा सकती है. हार्वेस्ट की जाने वाली स्किन 0.4-0.6mm मोटी होती है. एक डोनर से 2,000-2,500sqcm ली जा सकती है. पूरे देश में 17 स्किन बैंक हैं जहां कुल 250-300 डोनेशन ही हो पाते हैं. लेकिन उत्तर भारत में पहली बार स्किन बैंक खुला है.
हर साल जलने से 70 लाख लोगों की होती है मौत
WHO के रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल जलकर 70 लाख लोगों की मौत हो जाती है. 1.5 लाख लोग किसी उम्र भर चलने वाली बीमारी के शिकार हो जाते हैं. जलने की वजह से 1.4 लाख लोग हर साल मारे जाते हैं. बाकी ऑर्गन की तरह स्किन को 6 घंटे में ही डोनेट करना जरूरी है. त्वचा को 4-8 डिग्री सेल्सियस पर 5 साल के लिए स्टोर किया जा सकता है.
ऐसे कर सकते हैं डोनेट
किसी भी अस्पताल में मरने वाले के परिवार वाले सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों से संपर्क कर सकते हैं. जो वहां जाकर त्वचा ला सकेंगे.
किन लोगों को लगाई जा सकती है डोनेट की गई स्किन
- जले हुए मामलों में
- डायबिटीज अल्सर के मामलों में
- रोड एक्सीडेंट के मामलों में
कौन नहीं कर सकता स्किन डोनेशन
स्किन इंफेक्शन का शिकार
सेक्सुअल बीमारी का शिकार
इसके लिए Toll free number जारी
अगर आप skin donation को लेकर किसी भी तरह की जानकारी चाहते हैं तो इस टोल फ्री नंबर 1800114770 से संपर्क कर सकते हैं. ये NOTTO का टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर है, जहां फोन करके स्किन डोनेशन के लिए संपर्क किया जा सकता है और स्किन ट्रांसप्लांट के लिए अर्जी लगाई जा सकती है.
भारत में पहला स्किन बैंक
नेशनल बर्न सेंटर 5 अक्टूबर, 2001 को मुंबई में शुरू किया गया था.