जिले में सवारियों से मनमाना किराया वसूलने वाले बिना मीटर के ऑटो चालकों पर लगाम कसने में परिवहन विभाग नाकाम साबित हो रहा है. नियमों के अनुसार प्रत्येक ऑटो में मीटर लगाना अनिवार्य है, लेकिन हकीकत यह है कि 70 प्रतिशत से अधिक ऑटो बिना मीटर के ही सड़कों पर दौड़ रहे हैं. ऐसे ऑटो चालक यात्रियों से तय किराये से दो से तीन गुना तक अधिक वसूली कर रहे हैं, जिससे लोगों को रोजाना परेशानी झेलनी पड़ रही है.

27 हजार ऑटो में से 17 हजार बिना मीटर के
गौतमबुद्ध नगर जिले में 27 हजार से अधिक ऑटो पंजीकृत हैं. इनमें से लगभग 17 हजार ऑटो में मीटर नहीं लगे हैं. नोएडा सीएनजी ऑटो चालक एसोसिएशन के अध्यक्ष ओमप्रकाश गुर्जर ने बताया कि फिलहाल केवल 50 प्रतिशत ऑटो में ही मीटर लगे हैं. सभी ऑटो में मीटर लगाने के लिए योजना बनाई जा रही है, ताकि किराया वसूली पारदर्शी हो सके.
बिना मीटर के भी हो रही फिटनेस
बिना मीटर के ऑटो को फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किया जाना परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है. नियमों के तहत बिना मीटर वाले ऑटो को फिटनेस नहीं मिलनी चाहिए, लेकिन बिना मीटर वाले वाहनों की फिटनेस नवीनीकरण जारी है. मई महीने में डीएम कार्यालय से सभी ऑटो में मीटर लगाना अनिवार्य करने के निर्देश जारी हुए थे. हालांकि, आदेश के बाद नए ऑटो का पंजीकरण बढ़ा, लेकिन मीटर लगाने की रफ्तार बेहद धीमी रही.
एनसीआर परमिट वाले ऑटो में ही मीटर
नोएडा ऑटो रिक्शा चालक एसोसिएशन के अध्यक्ष लाल बाबू ने बताया कि एनसीआर परमिट वाले लगभग दो हजार ऑटो में मीटर लगाए गए हैं, लेकिन बाकी अब भी बिना मीटर चल रहे हैं. प्रदेश सरकार द्वारा किराया बढ़ाए जाने के बाद अब मीटर लगाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी. उन्होंने कहा कि जब तक मीटर पूरी तरह अनिवार्य नहीं किए जाएंगे, तब तक यात्रियों से अधिक किराया वसूली की समस्या बनी रहेगी.
बिना मीटर ऑटो की फिटनेस नहीं की जाएगी
एआरटीओ प्रशासन नंद कुमार ने बताया कि बिना मीटर के किसी भी ऑटो की फिटनेस नहीं की जाती है. पूर्व में जिन वाहनों में मीटर नहीं थे, उनके मीटर जब्त किए गए थे. अब इस पर विशेष अभियान चलाया जाएगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होगी.











