उत्तराखंड के नैनीताल में भीमताल ब्लॉक स्थित पनिया मेहता तोक के खत्री खाड़ गांव में जमरानी बांध निर्माण के लिए की जा रही ब्लास्टिंग से ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है. गांव के 10 से अधिक मकानों में दरारें पड़ गई हैं. जिससे लोगों का रात में घरों में सोना तक मुश्किल हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि बांध निर्माण के तहत टनल और सड़क कटिंग के लिए हो रही तीव्र ब्लास्टिंग के बाद ही मकानों और खेतों में दरारें दिखने लगीं.
ब्लास्ट की वजह से यहां रहने वाले ग्रामीण तुलसी देवी, गोविंद बल्लभ, हरीश चंद्र पलड़िया, महेश चंद्र, देवकी नंदन और शिवदत्त के मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं. इनका कहना है कि शुरुआत में दरारें बहुत छोटी थीं, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया गया. लेकिन, बीते कुछ दिनों में दरारें तेजी से बढ़ती जा रही हैं. अब मकानों की दीवारों से लेकर आंगन और खेतों तक में गहरी दरारें दिखाई दे रही हैं. इससे न केवल संपत्ति को नुकसान हो रहा है, बल्कि लोगों की जान को भी खतरा उत्पन्न हो गया है.
ब्लास्टिंग की वजह से घरों में आईं दरारें
इस गांव में रहने वाले जगदीश चंद्र पलड़िया ने कहा कि जमरानी बांध बनाने के लिए क्षेत्र में ब्लास्टिंग की जा रही है. इससे हमारे मकान और आंगन में दरारें पड़ गई हैं. लोगों में डर बना हुआ है. प्रशासन को तुरंत ब्लास्टिंग बंद कर जांच करानी चाहिए. स्थानीय लोगों का कहना है कि बांध निर्माण के बाद से ही दरारें बढ़ गई हैं. उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
लोगों के घरों में आ रही दरारों की वजह से ग्रामीण परेशान हैं. प्रशासन से मांग की गई है कि सुरक्षा की दृष्टि से तत्काल जांच की जाए और प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए. वहीं इस पूरे मामले पर संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल ने कहा अगर मकानों में दरारें आ रही हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी. प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि ग्रामीणों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और सभी एहतियात बरते जाएं.
विशेषज्ञों की टीम करेगी मुआयना
जमरानी बांध परियोजना इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर अजय पंत ने कहा कि मकानों में दरारें किन कारणों से आई हैं. इसका पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की टीम मौके पर जाकर मुआयना करेगी. इसके बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट हो पाएगा. गांव के लोग इस स्थिति से बेहद डरे हुए हैं. लगातार बढ़ती दरारों के कारण वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कई परिवारों ने तो घरों से बाहर खुले में रात बितानी शुरू कर दी है. उन्हें डर है कि कहीं मकान गिर न जाएं.
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द जांच कराई जाए और अगर ब्लास्टिंग ही दरारों की वजह है तो इसे रोक कर वैकल्पिक उपाय किए जाएं. साथ ही उन्हें आर्थिक मदद और अस्थायी पुनर्वास की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाए.