नई दिल्ली। फिल्म ‘आदिपुरुष’ 16 जून को देश भर में रिलीज हुई। फिल्म को रिलीज हुए भले ही 11 दिन हो चुके है, लेकिन इसका विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे है। विवादों के चलते यह मूवी हाई कोर्ट तक पहुंच चुकी है। एक तरह जहां इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने फिल्म के राइटर मनोज शुक्ला को नोटिस जारी किया है। वहीं अब दूसरी तरह इस मूवी को बैन करने की मांग में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
‘आदिपुरुष’ बैन को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
फिल्म को बैन करने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट में याचिका दाखिल कर फिल्म को सेंसर बोर्ड से मिले सर्टिफिकेट को रद्द करने की मांग करते हुए कहा गया है। यह याचिका वकील ममता रानी ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि फिल्म में भगवान राम और हनुमान समेत धार्मिक पात्रों के असली चरित्रों से छेड़छाड़ की गई है, जो हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है।
ममता रानी ने दायर की याचिका
याचिका में कहा गया है कि फिल्म में रामायण की मूल रचना से छेड़छाड़ की गई है। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि फिल्म के डायलॉग गली-मोहल्लों के लड़कों की भाषा की तरह है। ऐसे डायलॉग अपमानजनक हैं। याचिका में कहा गया है कि अगर इस फिल्म पर रोक नहीं लगाई गई तो इसका लोगों के नैतिक मूल्यों पर बुरा असर होगा।
हाई कोर्ट ने मेकर्स को लगाई फटकार
बता दें, हाई कोर्ट में भी इस फिल्म के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों के प्रति लोग संवेदनशील होते हैं, उनके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। आगे कोर्ट ने कहा कि लोग घर से निकलने से पहले रामचरितमानस का पाठ आज भी करके निकलते हैं। ऐसे में कुछ चीजों को छूना नहीं चाहिए था। फिल्म के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने लेखक से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।