हिमानी हत्याकांड के आरोपी को पुलिस ने पकड़ा, मां का आरोप- मर्डर में कांग्रेस के लोग शामिल

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रोहतक: हरियाणा के हिमानी नरवाल मर्डर केस में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इस केस में पहली गिरफ्तारी की है। हरियाणा पुलिस ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी नरवाल की हत्या मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि हिमानी नरवाल का शव 1 मार्च को रोहतक में एक हाईवे के पास एक सूटकेस के अंदर मिला था।

आरोपी की गिरफ्तारी दिल्ली से हुई है और उसकी पहचान सचिन के रूप में हुई है जो बहादुरगढ़ का रहने वाला है। अभी तक की जानकारी के अनुसार, आरोपी हिमानी के साथ रिलेशनशिप में था और उसे वह ब्लैकमेल कर रही थी और उससे लाखों रुपए ऐंठ चुकी थी।

परिवार ने शव नहीं लिया

हिमानी के शव के पोस्टमार्टम के बाद अभी तक परिवार ने शव नहीं लिया है। बता दें कि उसकी हत्या की जांच अब SIT करेगी। पोस्टमार्टम में चुन्नी से गला घोंटकर हत्या की बात सामने आई है।

क्या हुआ था?

हरियाणा के रोहतक जिले के सांपला कस्बे में कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता का शव एक सूटकेस में बरामद हुआ था। शव की पहचान कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता हिमानी नरवाल के रूप में हुई, जो कांग्रेस की सक्रिय सदस्य थीं। वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुई थीं। इसके अलावा पहले वह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा के चुनाव प्रचार में भी सक्रिय रही हैं। अब हिमानी नरवाल की मां ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि चुनाव और पार्टी ने उनकी बेटी की जान ले ली। उनका कहना है कि पार्टी की ओर से अभी तक किसी ने जानकारी नहीं ली है।

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मृतक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी नरवाल की मां सविता ने बताया, ‘चुनाव और पार्टी ने मेरी बेटी की जान ले ली। इस वजह से उसने कुछ दुश्मन बना लिए। ये (अपराधी) पार्टी से भी हो सकते हैं, उसके दोस्त भी हो सकते हैं। 28 फरवरी को वह घर पर थी। हमें पुलिस स्टेशन से (घटना के बारे में) फोन आया, जिसके बाद हमें इसकी जानकारी मिली। मेरी बेटी आशा हुड्डा (भूपिंदर सिंह हुड्डा की पत्नी) के बहुत करीब थी, जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता, मैं उसका अंतिम संस्कार नहीं करूंगी।”

उन्होंने आगे कहा, “मेरे बड़े बेटे की 2011 में हत्या कर दी गई और हमें कभी न्याय नहीं मिला। हम डर में रहते थे। मैं अपने दूसरे बेटे को यहां से लेकर BSF कैंप चली गई। चुनाव के बाद, हिमानी पार्टी से थोड़ा निराश हो गई थी। उसने कहा कि उसे नौकरी चाहिए और वह पार्टी के लिए ज्यादा काम नहीं करना चाहती। वह पिछले 10 सालों से कांग्रेस से जुड़ी हुई थी। वह शादी करने के लिए भी राजी हो गई थी। मैंने खुद सुबह आशा हुड्डा को फोन किया था, लेकिन मेरा फोन रिसीव नहीं हुआ।” मृतका के भाई जतिन ने बताया, “उन्होंने राहुल गांधी के साथ पदयात्रा भी की थी।”

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